भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती मनायी गयी

बेतिया, 23 जनवरी (हि.स)। महान स्वतंत्रता सेनानी सह आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127 वीं जयंती पर मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा सत्याग्रह भवन में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त अवसर पर डॉ0 एजाज अहमद, वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक, डॉ शहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया ने संयुक्त रूप से छात्र छात्राओं को स्वच्छ बेतिया एवं सुंदर बेतिया का संकल्प दिलाते हुए कहां कि मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं चंपारण की जनता की ओर से यह एक छोटा सा प्रयास है ताकि राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में चंपारण के स्वतंत्रता सेनानियों एवं अपने पुरखों के योगदान को नई पीढ़ी जान सके.

इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक संगठनो व मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सम्मान में 2 मिनट का मौन रख उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता एवं शाहीन परवीन ने संयुक्त रूप से नेताजी सुभाष चंद्र बोस एवं शहीदों को पुष्प अर्पित किया। इस अवसर पर गणमान्य लोगों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित की।

सर्वप्रथम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सुभाष चंद्र बोस आजाद हिंद फौज के अमर शहीदों एवं नायको श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता कहा कि आज से लगभग 85 वर्ष पूर्व सुभाष चंद्र बोस ने राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में जान डालते हुए आम जनमानस से आह्वान करते हुए कहा था कि तुम मुझे खून दो, मैं तुझे आजादी दूंगा. राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन को और भी धारदार बनाने और कई महत्वपूर्ण अवसरों पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने पश्चिम चंपारण का दौरा किया था.

पहली बार 26 अगस्त 1939 ई0 को मुजफ्फरपुर तिलक मैदान में एक विशाल जनसभा को संबोधित करने के बाद बेतिया पश्चिम चंपारण की ओर रुख किया था. शाम में बेतिया जॉर्ज एडवर्ड सप्तम मेमोरियलअस्पताल (वर्तमान गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल) के समीप अपने बचपन के मित्र अरविंद मुखर्जी के घर ठहरे एवं रात्रि विश्राम किया. सुबह सवेरे विपिन मध्य विद्यालय, मीना बाजार चौक, छोटा रमना एवं सोवा बाबू चौक पर हजारों लोगों को संबोधित किया था. दूसरी बार पुन: 06फरवरी 1940 को मुजफ्फरपुर होते हुए बेतिया पहुंचे एवं पुन: अपने बचपन के मित्र अरविंद मुखर्जी के घर ठहरे. मीना बाजार एवं छोटा रमला के मैदान में हजारों लोगों ने राष्ट्रीय आंदोलन के लिए आयोजित होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लिया था.

हिन्दुस्थान समाचार / अमानुल हक़ /चंदा

   

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