मध्यप्रदेश- राजस्थान के मुख्यमंत्रियों पत्रकार वार्ता, ईआरसीपी आज शाम तक हो सकता है समाधान

जयपुर, 28 जनवरी (हि.स.)। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना प्रोजेक्ट 'ईआरसीपी' में पानी के बंटवारे को लेकर राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच आज शाम तक समाधान हो सकता है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को जयपुर पहुंचकर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ बैठक की। बैठक के बाद दोनों मुख्यमंत्रियों ने रविवार को साझा पत्रकार वार्ता कर ईआरसीपी पर काम आगे बढ़ाने की बात कही। दोनों राज्य पानी के बंटवारे पर विवाद को सुलझाने को राजी हैं। दोनों मुख्यमंत्री आज दिल्ली पहुंचेंगे। माना जा रहा है कि शाम तक दोनों राज्यों के बीच एमओयू हो जाएगा।

बैठक के बाद मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पत्रकारों से कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी का नदी जोड़ो का सपना था। हम शाम तक कोई समझौते तक पहुंचें, इसलिए वे यहां पर आए हैं। उम्मीद है कि शाम को एमओयू पूरा हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट से बड़े पैमाने पर पर्यटन की संभावना बनेगी।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि नदी जोड़ने का अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था, जिसे अब धरातल पर उतारा जाएगा। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार थी, उसने इस पर राजनीति की। राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने ईआरसीपी पर राजनीति के अलावा कुछ नहीं किया। ईआरसीपी से 13 जिले को पीने का पानी मिलेगा। कुछ प्रमुख बातें हैं, उनका आज शाम तक समाधान निकल जाएगा।

गौरतलब है कि ईआरसीपी के लिए बांध बनाने व पानी के बंटवारे को लेकर मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच विवाद हो गया था। राजस्थान सरकार का तर्क था कि 2005 में हुए समझौते के अनुसार ही बांध बना रहे हैं। यदि परियोजना में आने वाले बांध और बैराज का डूब क्षेत्र दूसरे राज्य की सीमा में नहीं आता हो तो ऐसे मामलों में राज्य की सहमति जरूरी नहीं है। मध्यप्रदेश सरकार ने ईआरसीपी के लिए एनओसी नहीं दी। राजस्थान सरकार ने खुद के खर्च पर ईआरसीपी को पूरा करने का फैसला किया। बांध बनने लगा तो मध्यप्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।

राजस्थान में भाजपा सरकार बनने के बाद से राजस्थान की लाइफ लाइन ईआरसीपी परियोजना को लेकर कवायद तेज हो गई थी। पिछले महीने ही ईआरसीपी को लेकर दिल्ली में जल शक्ति मंत्रालय में अहम मीटिंग हुई थी। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में राजस्थान और मध्यप्रदेश के अधिकारी शामिल हुए थे। इस दौरान दोनों राज्यों के बीच ईआरसीपी को लेकर सहमति बनी थी।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुनीता कौशल/ईश्वर

   

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