छात्र सामाजिक समस्याओं पर शोध करें, लोग स्वयं का प्रोडक्ट बनाकर आत्मनिर्भर बने : राज्यपाल

बांदा, 29 जनवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को कृषि विश्वविद्यालय बांदा के नवम दीक्षांत समारोह में 320 मेधावी छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की। साथ ही विभिन्न संकायों में स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक छात्र छात्राओं को पदक प्रदान किये। इस मौके पर उन्होंने पीएचडी कर रहे छात्र-छात्राओं का आवाहन किया कि वह सामाजिक समस्याओं के विषयों पर शोध कार्य करें। साथ ही लोगों से भी अपील की, वे अपना स्वयं का प्रोडक्ट तैयार करके आत्मनिर्भर बने। इससे पूर्व उन्होंने ग्रामीण महिला कौशल एवं उद्यमिता विकास केन्द्र का उद्घाटन फीता काटकर किया तथा महिला छात्रावास का शिलान्यास किया।

राज्यपाल ने जिन छात्र छात्राओं को मेडल प्राप्त हुआ है, उनको एवं उनके माता-पिता को बधाई देते हुए कहा कि माता-पिता का बच्चों को आगे बढाने में बहुत बड़ा योगदान रहता है। इसलिए बच्चे माता-पिता को कभी न भूले और हमेशा उनकी सेवा करें।

उन्होंने कहा कि किसानों को उत्पादकता को बेहतर मूल्य मिले, इस क्षेत्र में कार्य करने की आवश्यकता है। यहां के लोग पपीता, गुलाब, नीम, एलोवेरा उगायें तथा कम लागत से अन्य चीजें जैसे साबुन आदि प्रोडक्ट स्वयं तैयार करें तथा आत्मनिर्भर बनें।

राज्यपाल ने पीएचडी कर रहे छात्र छात्राओं से कहा कि वे सामाजिक समस्याओं के विषयों में शोध करें। यह विश्वविद्यालय प्रगति कर रहा है, इसी तरह निरन्तर प्रगतिशील रखने को विश्वविद्यालय द्वारा शोध सहित अन्य कृषि सम्बन्धी उन्नतशील बीजों को तैयार करने का कार्य किया जाए।

उन्होंने इस मौके पर उच्च प्राथमिक विद्यालय कनवारा भाग-1 व 2 के बच्चों को फल, किताबें व बैग एवं पाठ्य समाग्री का वितरण किया। इसके साथ ही उन्होंने आंगनबाडी केन्द्र के गरीब बच्चों को छोटी साइकिल, कुर्सी, मेज, किताब, स्टेशनरी किट का वितरण आंगनबाडी कार्यकत्रियों को किया। इसके साथ ही जनपद बांदा के 101 आंगनबाडी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न बनाने के लिए आंगनबाडी में सहायता किट का वितरण भी किया।

कार्यक्रम में निदेशक, राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान केन्द्र लखनऊ डॉ. अजीत कुमार साशनी ने कहा कि सभी नागरिकों को खाद्यान उपलब्ध कराने के लिए 70 प्रतिशत खाद्यान का उत्पादन ज्यादा करना होगा और लोगों को पौष्टिक भोजन दिये जाने की आवश्यकता है। कहा कि क्लाइमेट में परिवर्तन हो रहा है, इसलिए पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए उपाय किये जाने की आवश्यकता है। छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने को कृषि क्षेत्र सहित अन्य इंजीनियरिंग के क्षेत्र में स्टार्टअप कर अपना उद्यम अपनायें।

दीक्षांत समारोह में कुल 320 मेधावी छात्र छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गयी, जिसमें कृषि संकाय, उद्यान, वानकी, सामुदायिक विज्ञान संकाय, पीएचडी कृषि एवं उद्यान संकाय के छात्र छात्राओं को बीएससी, एमएससी व पीएचडी की उपाधियां प्रदान की गयीं। जिसमें कु.अंजली वर्मा को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, कु.आयुषी सिंह को कृषि क्षेत्र में वाइस चान्सलर गोल्ड मेडल, अभिषेक मिश्रा को उद्यान में स्वर्ण पदक, कु.ऋतिका श्रीवास्तव को वानिकी में स्वर्ण पदक, उद्यान में अभिषेक प्रताप को स्वर्ण पदक दिया गया। कर्ण गुप्ता में एग्रीकल्चर में सिल्वर मेडल, सूर्य प्रताप सिंह को वानिकी में रजत पदक, अभय प्रताप सिंह को रजत पदक, सत्येन्द्र कुमार को रजत पदक तथा ख्याती अग्रवाल, अरूण चौधरी, ऋचा रघुवंशी, अंजना, नेहा को रजत पदक प्रदान किया गया।विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.नरेन्द्र प्रताप सिंह ने विश्वविद्यालय का प्रगति विवरण प्रस्तुत किया।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल/दीपक/पदुम नारायण

   

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