नेपाल में किशनगंज की बेटी सुरजापुरी लेखिका हुई सम्मानित

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किशनगंज,31जनवरी(हि.स.)। अपनी संस्कृति अपनी पहचान! सुरजापुरी संस्कृति आज देश-विदेश में देखने को मिल रही है। जहां आज के युग में सुरजापुरी समाज के कुछ लोग मॉडर्न बन कर अपनी संस्कृति, अपनी सुरजापुरी बोली बोलने से लजाते है वहीं सुरजापुरी बोली एवं सुरजापुरी संस्कृति को संरक्षित करने के लिए नेपाल के सुरजापुरी समाज के लोग हर वर्ष एक पर्यटक महोत्सव मनाते है। इस महोत्सव में कई प्रकार के नृत्य, लोक गीत (नटुआ नाच, तपोसरी गीत) सुरजापुरी खाना-पान एवं विभिन्न प्रकार के सुरजापुरी वस्तुओं को लोगों के सामने प्रस्तुत करते है।

इस वर्ष किशनगंज की बेटी मिली कुमारी को भी इस महोत्सव में आमंत्रित किया गया। मिली कुमारी सीमांचल की स्थानीय सुरजापुरी बोली एवं इसकी संस्कृति को साहित्यक क्षेत्र में लाने में प्रयासरत है। नेपाल गन्नगाई कल्याण परिषद द्वारा आयोजित इस महोत्सव में उन्हें विशिष्ट अतिथि के रूप में बुधवार को सम्मानित किया गया। नेपाल गन्नगाई कल्याण परिषद द्वारा इस भव्य महोत्सव में उन्हें आमंत्रित किया गया एवं झापा जिले के सांसद योगेंद्र मंडल द्वारा मोमेंटो (token of love) देकर उनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की गई।

नेपाल गन्नगाई कल्याण परिषद के सचिव थेप्सू लाल गणेश, अध्यक्ष द्रोपदी कुमारी गणेश, संतोष कुमार गणेश एवं नेपाल के सुरजापुरी गन्नगाई समाज के नेतृत्व में एक सफल कार्यक्रम को आयोजन कर भारत के लोगों को सम्मानित कर करीबी पड़ोसियों के रूप में भारत एवं नेपाल मैत्री और सहयोग के अद्वितीय संबंधों को रखा है, जिसमें खुली सीमाओं और जनता के बीच रिश्ते और नातेदारी व संस्कृति के सम्पर्कों का गहरा सम्बन्ध बनते हुए देखने को मिल रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/धर्मेन्द्र/चंदा

   

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