लंबे इंतजार के बाद पहाड़ों में शुरू हुई बर्फबारी, कई जगहों पर बिछी बर्फ की सफेद चादर

पहाड़ों में लंबे इंतजार के बाद शुरू हुई बर्फबारी, इन जगहों पर बिछी बर्फ की सफेद चादर।

उत्तरकाशी, 01 फरवरी (हि.स.)। पहाड़ों में लंबे वक्त से बर्फबारी नहीं हुई थी, लेकिन बुधवार सुबह उत्तरकाशी जिले के ऊंचाई क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हुई थी जो गुरुवार को भी जिले के निचले इलाकों में देखने को मिली है।

उत्तरकाशी जिले की ऊंचाई वाले इलाकों को लंबे वक्त से अच्छी बर्फबारी का इंतजार था, लेकिन कल से इलाके के लोगों इसका दीदार होने लगा। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून ने पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के चलते ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी की आशंका जाहिर की थी। पहाड़ों के कुछ ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी भी हुई है। गंगोत्री ,भैरव घाटी, कनखू बेरियल, गंगोत्री नेशनल पार्क हर्षिल , सहित उपला टकनोर, दयारा, चौरंगी वहीं यमुघाटी के यमुनोत्री ,गीठ पट्टी, हरकीदून, गोविंद नेशनल पार्क,समूचे फातें पर्वत पर बर्फबारी हुई। बर्फबारी के बाद यहां का नजारा बेहद खूबसूरत हो गया है। इसके अलावा जरमौला, सरबडियार, बसराली,सरनौल, में भी कुछ हिस्सों में बर्फबारी हुई है।

बर्फबारी के बाद तापमान में भी गिरावट आई है। उत्तरकाशी शहर में भी सुबह से ही लगातार बादल छाए हुए हैं। उत्तरकाशी लोगों के साथ पर्यटक भी यहां बर्फबारी देखने के लिए तरस गए हैं। उत्तरकाशी का अधिकतम तापमान 11.8 डिग्री, जबकि न्यूनतम तापमान माइनस 1.2 डिग्री तक पहुंच गया है। तापमान में गिरावट होने से ठंड बढ़ गई है। लोग ठंड से बचने के लिए लोग यहां अलाव का सहारा ले रहे हैं।

कहां कितना डिग्री तापमान?

पहाड़ों के ऊंचाई वाले इलाकों में हुई बर्फबारी के बाद ठंड का असर पूरे जनपद में नजर आ रहा है। बर्फबारी के बाद जिले भर के अलग-अलग हिस्सों में तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। उत्तरकाशी 11.8 डिग्री में न्यूनतम तापमान 1.2, मोरी 8.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।

बर्फबारी न होने की वजह से झेलना पड़ा नुकसान-

उत्तराखंड प्रदेश में लंबे वक्त से बर्फबारी न होने के चलते पर्यटन कारोबार पर भी इसका असर पड़ा है। पहाड़ों में घूमने के लिए आने वाले पर्यटक कारोबारी से सबसे पहले बर्फबारी को लेकर ही सवाल कर रहे थे। इसके अलावा किसानों और बागवानों को भी बर्फबारी न होने का नुकसान झेलना पड़ रहा था। बर्फबारी न होने की वजह से सेब के पौधे के लिए जरूरी नमी की मात्रा उपलब्ध नहीं हो पा रही थी। आने वाले तीन दिन तक प्रदेश में मौसम खराब बने रहने का अनुमान है। इससे सेब बागवानों के साथ पर्यटन कारोबारियों को उम्मीद भी जगी है।

हिंदुस्थान समाचार/चिरंजीव सेमवाल

/रामानुज

   

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