झाबुआ; व्याख्यान माला में उठी मांग- वैद्य जी के नाम पर हो कॉलेज का नाम

झाबुआ, 1 फ़रवरी (हि.स.)। जिले के थान्दला में प्रख्यात स्वाधीनता संग्राम सेनानी, पूर्व सांसद एवं पत्रकार कन्हैयालाल वैद्य की 116 वीं जयंती पर स्थानीय मामा बालेश्वर दयाल बाल उद्यान में गुरूवार को वैद्य स्मृति समारोह समिति द्वारा व्याख्यान माला आयोजित की गई। आयोजित कार्यक्रम में सभी वक्ताओं द्वारा स्थानीय शासकीय महाविद्यालय का नाम कन्हैयालाल वैद्य के नाम पर किए जाने की मांग एक बार फिर से उठाई गई। वहीं मीडिया पर कार्पोरेट घरानों का कब्जा, विषय पर विभिन्न वक्ताओं द्वारा व्यक्त विचारों के माध्यम से चिंता भी जताई गई। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष सोनल जसवंत भाबर, पर्यावरण डाइजेस्ट के संपादक खुशाल सिंह पुरोहित, राष्ट्रीय पत्रकार मोर्चा भारत के महानियंत्रक के सी यादव सहित दूरस्थ स्थानों से आए पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता एवं स्कूली बच्चे मौजूद रहे।

कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने स्वर्गीय पत्रकार कन्हैयालाल वैद्य के स्वाधीनता सेनानी के रूप में देश की आजादी के लिए किए गए संघर्ष एवं पत्रकारिता के माध्यम से आम आदमी पर तात्कालिक राजसत्ता द्वारा किए जा रहे अत्याचार, शोषण एवं सामाजिक सरोकारों को निर्भीकता से उठाए जाने की चर्चा की। साथ ही इस बात को भी रेखांकित किया गया कि पत्रकारिता के क्षेत्र में नैतिक मूल्यों में आई गिरावट के इस दौर में उनके द्वारा स्थापित प्रतिमानों एवं आदर्शवादी सोच के अनुसरण की महती आवश्यकता है ।

व्याख्यान माला में अतिथि वक्ता के रूप में अपने संबोधन में पर्यावरण डाइजेस्ट के संपादक डॉ. खुशाल सिंह पुरोहित ने स्वर्गीय कन्हैयालाल वैद्य ओर मामा बालेश्वर दयाल को श्रद्धांजलि समर्पित करते हुए आजादी के आंदोलन में उनकी भूमिका का स्मरण किया। सिंह ने कहा कि भारत की आजादी का संघर्ष विश्व में आजादी का सबसे लंबा संघर्ष था, जिसमें अनेक सेनानियों ने अपना जीवन होम कर दिया, किंतु हम उनके बलिदानों से कुछ सीख नहीं ले पाए हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सहित कांग्रेस के बड़े नेताओं ने अखबारों के माध्यम से आजादी के संघर्ष में अपना अमूल्य योगदान दिया। गांधीजी ने देश के प्रति मरना सिखाया था। आज देश के लिए मरने की जरूरत नहीं बल्कि संकीर्ण सोच का त्याग कर उसे व्यापक स्वरूप प्रदान किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा आज आदर्श के साथ जीने की महती जरूरत है। सिंह ने कहा कि आज की पत्रकारिता पर उठाए जा रहे सवालों के बीच पत्रकारों के लिए यह आत्मावलोकन का समय है। हमें यह देखना होगा कि हम कहां जा रहे हैं।

व्याख्यान माला में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई जिला पंचायत अध्यक्ष सोनल जसवंत भाबर, आयोजन की अध्यक्षता कर रहे स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी एवं जिला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रकाश घोड़ावत, विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित भारतीय जनता पार्टी के मंडल महामंत्री सुनील पणदा, राष्ट्रीय पत्रकार मोर्चा भारत के महानियंत्रक के सी यादव एवं सामाजिक कार्यकर्ता नगीन शाह ने भी व्याख्यान माला में अपने संबोधन में कन्हैयालाल वैद्य द्वारा स्वाधीनता संघर्ष में किए गए योगदान का स्मरण किया ओर उपस्थित पत्रकारों का आव्हान किया कि वे स्वर्गीय वैद्य द्वारा स्थापित उच्च मानकों को अंगीकार करते हुए उनका अनुसरण करें।

समारोह में वैद्यजी के सुपुत्र एवं वरिष्ठ पत्रकार क्रांतिकुमार वैद्य का अतिथियों द्वारा शाल श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित पत्रकारों एवं गणमान्य नागरिकों ने भी क्रांतिकुमार वैद्य द्वारा पत्रकारिता के क्षेत्र में स्थापित उच्च मानदंडों ओर मूल्यों आधारित पत्रकारिता के लिए उनका अभिनंदन किया।

कार्यक्रम के दौरान अतिथियों द्वारा स्वर्गीय कन्हैयालाल वैद्य की स्मृति में स्थापित कन्हैयालाल दौलतराम वैद्य विद्यालय में आयोजित वार्षिक प्रतियोगिताओं में विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कार भी प्रदान किए गए।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. उमेशचन्द्र शर्मा

   

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