ओबरा सी की पहली इकाई से बिजली का कामर्शियल उत्पादन शुरू, प्रदेश की बिजली उत्पादन क्षमता हुई 7140 मेगावाट

बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भता की ओर बढ़ रहा प्रदेश

लखनऊ, 03 फरवरी (हि.स.)। ओबरा-सी 2×660 मेगावॉट क्षमता की तापीय परियोजना की पहली इकाई से शुक्रवार को कामर्शियल उत्पादन शुरू हो गया। इससे प्रदेश को 660 मेगावॉट की अतिरिक्त बिजली मिलेगी, साथ ही प्रदेश की बिजली उत्पादन की अपनी क्षमता 7140 मेगावाट हो गई है। साथ ही प्रदेशवासियों को सस्ती बिजली उपलब्ध हो, इस दिशा में राज्य सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। प्रदेश के नगर विकास एवं उर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि ऊर्जा विभाग प्रदेश के सम्मानित नागरिकों को बेहतर विद्युत आपूर्ति देने में निरंतर लगा है।

उर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बेहतर विद्युत आपूर्ति एवं इसकी गुणवत्ता बनाये रखने के लिए संरचनागत ढांचे में बदलाव किया जा रहा है। जल्द ही यूपी में बिजली की किल्लत खत्म होगी। ओबरा-सी परियोजना में 660-660 मेगावॉट की दो इकाइयां स्थापित की गई हैं। इसमें से पहली इकाई से विद्युत का कामर्शियल उत्पादन शुरू हो चुका है, जिससे प्रदेश की विद्युत उत्पादन क्षमता में 660 मेगावॉट का और इजाफा हुआ है। इसी प्रकार इस परियोजना की दूसरी यूनिट से भी जून, 2024 तक बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। जिससे आने वाले गर्मी के मौसम में राज्य में बिजली की अधिकतम मांग को पूरा करने में बहुत सहायता मिलेगी। साथ ही प्रदेशवासियों को बिजली कटौती से भी नहीं जूझना पड़ेगा।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि ओबरा-सी परियोजना सुपर क्रिटिकल तकनीकी और नवीनतम पर्यावरण उत्सर्जन मानकों पर आधारित है। इस इकाई से क्षमता का 105 प्रतिशत यानी 693 मेगावॉट तक बिजली का उत्पादन किया गया। इकाई से प्रतिदिन 158 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। परियोजना की लागत 13,005 करोड़ रुपये है। ओबरा-सी परियोजना के शुरू हो जाने से मांग बढ़ने पर महंगी बिजली खरीदने के ग्राफ में कमी आएगी। साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। ओबरा-सी की दूसरी इकाई से भी जल्द उत्पादन शुरू हो जाने की उम्मीद है। भीषण गर्मियों में बिजली की किल्लत होने पर पावर एक्सचेंज से 10 रुपये प्रति यूनिट तक की महंगी बिजली खरीदनी पड़ती है।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/सियाराम

   

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