सुरक्षा और आपदा प्रबंधन पर सेवा भारती पूर्वाचल ने आयोजित की दो दिवसीय कार्यशाला

गुवाहाटी, 08 फरवरी (हि.स.)। सेवा भारती पूर्वांचल द्वारा संचालित सेवा भारती अग्नि, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन संस्थान (एसबीआईएफएसडीएम) ने उत्तर गुवाहाटी में सुरक्षा और आपदा प्रबंधन पर आयोजित दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला के दूसरे दिन कई सत्रों का आयोजन किया गया।

कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर पहले दिन सुरक्षा और आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण पर कई वरिष्ठ अधिकारी एवं सुरक्षा से संबंधित विशेषज्ञों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये।

दो दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य असम और पूर्वोत्तर के युवाओं को घर पर सामान्य सुरक्षा, सड़क सुरक्षा, एलपीजी सुरक्षा, रसायनों के साथ सुरक्षा, प्राथमिक चिकित्सा, अग्निशमन यंत्रों का उपयोग और चयन, निकासी तकनीक आदि के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। संभावित मानव निर्मित आपात स्थितियों के खिलाफ तैयार रहने के लिए बेंगलुरु में स्थित ओआईएल इंडस्ट्रीज के माध्यम से विशेषज्ञ व्याख्यान और व्यावहारिक प्रदर्शन आदि विषयों पर आधारित है|

कार्यक्रम का आयोजन मेसर्स अल्ट्राकैश टेक्नोलॉजीज प्रालि द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में असम के 12 जिलों से कुल 40 प्रतिभागी शामिल हुए।

मुख्य अतिथि स्पेशल डीजीपी हरमीत सिंह (मुख्यालय) ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। संस्थान के शासी निकाय के अध्यक्ष अखिल कुमार दास, प्रिंसिपल गुनींद्र नाथ सरमा, अखिल भारतीय स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन प्रमुख-राष्ट्रीय सेवा भारती सुरेंद्र तालखेडकर, सेवा भारती पूर्वांचल के अध्यक्ष रमेन सरमा ने मंच साझा किया। कार्यक्रम में अतिथि, संस्थान के संकाय सदस्य, सेवा भारती पूर्वांचल के सचिव रिजु दत्ता, अन्य सदस्य और सेवा भारती पूर्वांचल के विभिन्न कार्यकर्ता उपस्थित थे।

हरमीत सिंह ने प्रतिभागियों को संवादात्मक तरीके से संबोधित किया और विभिन्न मानव निर्मित आपदा और आपातकालीन रोकथाम और प्रतिक्रिया तकनीकों के बारे में सीखने, स्वयं को जागरूक करने के लिए आगे आने के लिए प्रेरित किया, ताकि वे पूरे समाज के लाभ के लिए जागरूकता फैला सकें। उन्होंने न केवल तेल क्षेत्र में बल्कि निर्माण, परिवहन और लॉजिस्टिक्स जैसे विभिन्न क्षेत्रों और औद्योगिक विकास के निर्माण क्षेत्रों में सुरक्षा पेशेवरों की बढ़ती मांग के बारे में बताया।

एसबीआईएफएसडीएम के अध्यक्ष अखिल कुमार दास ने अपने संबोधन में संस्थान की उत्पत्ति की कहानी, संस्थान की दृष्टि जो असम के युवाओं के लिए अन्य अल्पकालिक पाठ्यक्रम शुरू करने की इच्छा रखती है और सुरक्षा क्षेत्र में सुरक्षा अधिकारी, सुरक्षा पर्यवेक्षक के रूप में नौकरी के विभिन्न अवसरों के बारे में भी अपने विचार साझा किया।

संस्थान की स्थापना वर्ष 2022 में की गई थी और वर्तमान में यह अपना साल भर चलने वाला 'व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण में उन्नत डिप्लोमा' प्रदान कर रहा है और वर्तमान में यहां दूसरे बैच की कक्षाएं चल रही हैं। पाठ्यक्रम के पहले बैच के सभी उत्तीर्ण छात्रों को असम में विभिन्न प्रमुख उद्योगों और चल रही परियोजनाओं में रोजगार मिला है, यह अनुभव सेवा भारती, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के कार्यकर्ताओं ने शिक्षार्थियों के साथ साझा किया।

हिन्दुस्थान समाचार/ श्रीप्रकाश/अरविंद

   

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