नागदा: ग्रेसिम उद्योग में गलत वाल्व खोलने से हुआ था गैस रिसाव

नागदा, 9 फरवरी (हि.स.)। उज्जैन जिले में जाने -माने बिड़ला घराना के द्धारा संचालित ग्रेसिम इंडस्ट्रीज में लगभग 2 वर्ष पहले हुए एक बहुचर्चित गैस रिसाव के कारण का खुलासा शुक्रवार को विधानसभा में एक तारांकित प्रश्न के जवाब में हुआ। ग्रेसिम में यह हादसा ओलियम गैस के रिसाव के कारण हुआ । यह बात भी स्पष्ट हुई कि उद्योग में नियोजित एक मेंटीनेंस श्रमिक के द्धारा गलत वाल्व खोलने के कारण यह दुर्घअना हुई। विधानससभा में यह खुलासा घटिया विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक सतीश मालवीय के तारांकित प्रश्न के जवाब में हुआ। सतीश ने यह सवाल प्रश्न क्रमांक 884 के माध्यम से मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव से किया था।

सीएम डॉ. यादव के हवाले से जवाब में यह तथ्य स्वीकार किया कि ग्रेसिम इंडस्टीज लिमिटेड स्टपेल फाईबर डिवीजन में 6 जनवरी 2022 को ओलियम गैस का रिसाव हुआ था। यह दुर्घटना गलती से गलत वाल्व खोलने से हादसा हुआ। श्री मालवीय ने यह भी जवाब पूछा था कि इस प्रकार के हादसे के बाद क्या कदम उठाए गए है। जवाब में यह स्पष्ट किया गया है कि कारखाना प्रबंधन द्धारा दुर्घटना के पश्चात ओलियम गैस का विनिर्माण कारखाने में बंद कर दिया गया एवं ओलियम स्टोरेज टैक की लाईनों को भी ब्लैक लगाकर विच्छेद कर दिया गया । हादसे में शिकार श्रमिकों तथा मृतक आदि के नाम पर भी सवाल किया गया है । इस प्रकार के सवाल का जवाब विधानसभा पुस्तकालय में उपलब्ध कराने का संदर्भ दिया गया है।

आरटीआई में यह जानकारी उजागर

इधर, स्थानीय प्रशासन से लगभग एक वर्ष पहले आरटीआई में प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्रेसिम गैस रिसाव के कारण शहर के 21 लोग प्रभावित होने की जानकारी मिली है। यह जानकारी सूचना अधिकार के एक विशेष घारा 7(1) के तहत किसी के जीवन एवं स्वतंत्रता से जुडी होने के कारण महज 48 घंटे में तत्कालीन लोकसूचना अधिकारी अर्थात अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) आशुतोष गोस्वामी के हवाले से इस संवाददाता को प्राप्त हुई थी। जिसके प्रमाण सुरक्षित है। इस हादसे की जांच के लिए उज्जैन के तत्कालीन कलेक्टर आशीषसिंह ने एक कमेटी का गठन भी किया था। गौरतलब है कि इस प्रकरण में औधोगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग उज्जैन ने ग्रेसिम प्रबंधन के खिलाफ सीजेएम न्यायलय में प्रकरण दायर किया है।

ठेकेदारों के नाम एवं मजदूरों की संख्या

विधायक सतीश मालवीय ने ग्रेसिम गैस रिसाव के अलावा और भी कई सवाल ग्रेसिम उद्योग से संबधित किए है। ग्रेसिम में कार्यरत ठेकेदारों के नाम, भी मांगे है। साथ ही 31 मार्च 2020 की स्थिति में कार्यरत कुल श्रमिकों की संख्या भी पूछी गई है। जवाब में ये जानकारियां विधानसभा सचिवालय से प्राप्त करने की बात स्पष्ट की गई है।

प्रतिदिन 21200 किलो लीटर पानी खपत

श्री मालवीय ने यह भी सवाल किया थाकि ग्रेसिम उद्योग को संचालित करने के लिए कितना लीटर पानी का उपयोग प्रतिदिन किया जाता है। जिसका स्त्रोत क्या है। इस पानी को लेने के लिए अनुमति एवं उसके दस्तावेज भी मांगे गए। सीएम के हवाले से जवाब में बताय गया की ग्रेसिम इंडस्टीज के उत्पादन की प्रकिया में लगने वाले पानी की आपुर्तिै विभाग के द्धारा नहीं की जाती है। इकाई से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्पादन की प्रकिया में प्रतिदिन औसतन 21200 किलोलीटर पानी का उपयोग होता है। पानी की आपूर्ति चंबल नदी से की जाती है। जवाब में यह स्पष्ट किया गया कि इकाई से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिपलौदा बांध से औसतन 257 एमसी फीट पानी प्राप्त किया जाता है। जिसकी अनुमति है। इस बारे में जल संसाधन विभाग मप्र शासन एवं ग्रेसिम इंडस्टीज लिमिटेड के मध्य 8 मार्च 2019को अनुबंध पत्र निष्पादित किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/ कैलाश सनोलिया

   

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