हिमालयन बास्केट से खुलेंगे अंतरराष्ट्रीय बाजार के द्वार, कारीगर भरेंगे समृद्धि की उड़ान

हिमालयन बास्केट से खुलेंगे अंतरराष्ट्रीय बाजार के द्वार, कारीगर भरेंगे समृद्धि की उड़ान 

- मुख्यमंत्री ने हिमालयन बास्केट का किया शुभारंभ, रोजगार के लिए प्रोत्साहित कर रही सरकार

देहरादून, 19 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को चंपावत में हिमालयन बास्केट का मुख्यमंत्री आवास से वर्चुअल शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि हिमालयन बास्केट की शुरुआत वर्ष 2018 में सुमित और स्नेहा थपलियाल ने की थी। सुमित पेशे से इंजीनियर और स्नेहा मार्केटिंग पेशेवर हैं। देवभूमि से होने के कारण दोनों हमेशा स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए कुछ अलग करना चाहते थे।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि दोनों ने डेरी, खेती और उनके पहलुओं से संबंधित विकल्पों पर विचार कर हिमालयन बास्केट की स्थापना का निर्णय लिया। हिमालयन बास्केट के तहत दूध, हल्दी, पुदीना जैसे कृषि उत्पाद खरीदकर इनसे अलग-अलग उत्पाद बनाकर विदेशों में सप्लाई करते हैं। उत्पाद बनाने के लिए 200 से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। हिमालयन बास्केट से अंतरराष्ट्रीय बाजार के द्वार खुलेंगे ही, हुनरमंद कारीगरों को अलग पहचान मिलेगी और वे समृद्धि की उड़ान भरेंगे। उन्होंने कहा कि दूध से बनने वाले उत्पाद 'चुरपी' और 'घी' की अधिक डिमांड है। चुरपी गाय के दूध से बना एक विशेष कठोर पनीर है। दोनों ने उत्तराखंड में इसके उत्पादन का बीड़ा उठाया है।

आदर्श उत्पाद के साथ आदर्श चंपावत बनाने का संकल्प-

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार और जिला प्रशासन की मदद से दोनों को बागवानी कोल्ड स्टोर लीज पर मिला है। जो लोग इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं, सरकार उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा स्वप्न और संकल्प है कि एक आदर्श चंपावत बनाएं। इसके लिए चंपावत के जो भी उत्पाद हैं वो सभी आदर्श होने चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज

   

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