उच्च शिक्षामंत्री ने विदेशी शिक्षा नीति के प्रतिस्थापन के रूप में नई शिक्षा नीति पर दिया जोर

लखनऊ, 20 फरवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा) का डिजिटल उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। इस योजना से 100 करोड़ का अनुदान लखनऊ विवि ने भी प्राप्त किया है। इसकी उपलब्धि पर लखनऊ विवि में मालवीय हॉल में एक उत्सव मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश योगेन्द्र उपाध्याय थे।

इस अवसर पर योगेन्द्र उपाध्याय ने लखनऊ विश्वविद्यालय की टीम की कड़ी मेहनत की सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश संस्कृति और कई धार्मिक स्थलों का केंद्र है। पूरा प्रदेश इस समय राममय है। बच्चों को भी राम के जीवन की गाथा को बताया जाना चाहिए। उन्होंने प्रेरणा और गहरी रुचि के लिए यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का आभार व्यक्त किया।

योगेन्द्र उपाध्याय ने नई सरकार के तहत इन क्षेत्रों में यूपी की उत्कृष्टता की सराहना करते हुए शिक्षा और चिकित्सा के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने उच्च शिक्षा में इसके लाभों के बारे में विस्तार से बताते हुए, लॉर्ड थॉमस मैकाले की विदेशी शिक्षा नीति के प्रतिस्थापन के रूप में एनईपी 2020 पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वित्तीय जरूरतें उच्च शिक्षा संस्थानों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय की सफलता का श्रेय निरंतर कड़ी मेहनत को दिया।

कुलपति प्रोफेसर आलोक के राय ने कहा कि सभी को पीएम उषा योजना के बारे में परिचित कराया, जिसे पहले रूसा के नाम से जाना जाता था, जिसे एनईपी 2020 के बाद बदल दिया गया। फंडिंग को विश्वविद्यालयों की तीन श्रेणियों को आवंटित किया जाता है। लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपनी शैक्षणिक और अनुसंधान उत्कृष्टता के कारण एमईआरयू श्रेणी के तहत वित्त पोषण हासिल किया। उन्होंने राज्य विश्वविद्यालयों के सामने आने वाली वित्तीय चुनौतियों का भी उल्लेख किया। पीएम उषा कार्यक्रम का उद्देश्य बुनियादी ढांचे, अनुसंधान सुविधाओं और समग्र शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करके विश्वविद्यालयों को उत्कृष्टता के केंद्रों में बदलना है।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/पदुम नारायण

   

सम्बंधित खबर