इंदौरः जिले में जल एवं तालाबों के संरक्षण के लिये शीघ्र शुरू होगा जल-हठ अभियान

- व्यापक जन सहभागिता से 51 तालाबों का होगा जीर्णोद्धार, गहरीकरण व सौंदर्यीकरण

इंदौर, 21 फरवरी (हि.स.)। जिले में जल संरक्षण, जल संवर्धन और वर्षा जल की उपयोगिता को बढ़ावा देने के लिए जल हठ अभियान की शुरुआत शीघ्र की जाएगी। इस अभियान के तहत व्यापक जनभागीदारी से 51 तालाबों को जीर्णोद्धार, गहरीकरण एवं उनका सौंदर्यीकरण किया जाएगा। तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई प्राथमिकता के साथ की जाएगी। जल-हठ अभियान से समाज के हर वर्ग को जोड़कर जन आंदोलन बनाया जायेगा।

यह जानकारी बुधवार को यहां जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक में दी गई। बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह, ग्रामीण एसपी सुनील गोयल, जिला पंचायत अध्यक्ष रीना सतीश मालवीय, विधायक मधु वर्मा, जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन, अपर कलेक्टर गौरव बेनल सहित जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा अध्यक्ष सहित अन्य जनप्रतिनिधि आदि मौजूद थे। बैठक में जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार और जल क्षमता को बढ़ाने के लिए चर्चा की गई। जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और विशेषज्ञों से सुझाव लिये गये तथा अभियान को जन आंदोलन के रूप में चलाये जाने का निर्णय लिया गया।

बैठक में मंत्री सिलावट ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है कि वर्तमान समय के अनुसार सभी प्राकृतिक जल स्रोतों का संरक्षण किया जाये। जल की प्रत्येक बूंद को बचाया जाये। उनके संकल्प को पूरा करने के लिये प्राकृतिक संतुलन और पर्यावरण संरक्षण के लिए जल संचयन के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। पंचायत स्तर पर स्थित 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल से छोटे तालाबों में वर्षा का जल रोकने, जल भराव के क्षेत्रों को अतिक्रमण मुक्त करने और उनके चारों ओर की मेढ़ को व्यवस्थित करने, गहरीकरण तथा सौंदर्यीकरण के लिए जन अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान को आंदोलन के रूप में चलाने के लिए जन भागीदारी के साथ आगे बढ़ाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि जल हठ अभियान को प्रभावी रूप से देने के लिए प्रथम चरण में इंदौर जिले के तालाबों को गहरा कर उनके पुरातन स्वरूप में लाया जायेगा। सिलावट ने कहा कि तालाब धर्म, संस्कृति एवं विकास का प्रतीक है। तालाबों को बचाना समय की जरूरत है। तालाब हमारे आस्था के स्थल है। तालाब धीरे-धीरे अपना मूल स्वरूप खो रहे है। ऐसे समय में जरूरत है कि तालाबों को बचाया जाये। भू-जल स्तर बढ़ाने के लिये भी तालाबों का संरक्षण जरूरी है। तालाब बचेंगे तो जल बचेगा। जल बचेगा तो कल बचेगा। कल बचाने के लिये आज हमे सचेत होकर जल संरक्षण के कार्य को जन आंदोलन के रूप में करना होगा। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि आगे आकर इस अभियान से जुड़े।

कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि जिले में जल-हठ अभियान को मिशन मोड में चलाया जायेगा। अभियान के अंतर्गत ऐसे कार्य किये जायेंगे जिसका प्रभाव लम्बे समय तक दिखाई दें। अभियान के तहत किये गये कार्यों का निरंतर फालोअप किया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अभियान के तहत लिये जाने वाले तालाबों की सूची जल्द ही तैयार कर कार्य शुरू कर दें।

बैठक में जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन अभियान की रूप-रेखा का विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जल हठ अभियान को धरातल पर उतारने के लिए माइक्रो-प्लानिग के साथ काम किया जायेगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग इसके लिए एक मॉडल विकसित करेगा, जिसमें मनरेगा से बजट का प्रावधान कर अभियान की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिले के तालाबों को चिन्हित कर व्यवस्थित करने के लिए विशेष कार्य योजना बनाई जाएगी और बजट प्रावधान के साथ धरातल पर कार्य रूप में परिणित किया जाएगा। रणनीतिक रूप से एक मॉडल बनाया जाएगा और ए.बी.सी. ग्रेडिंग कर तालाबों के गहरीकरण, पेचिंग, बंधान और पौधारोपण के काम की शुरुआत की जाएगी।

तालाबों से अतिक्रमण हटाने के लिए राजस्व अमले का सहयोग लिया जायेगा। राजस्व विभाग द्वारा इन सभी तालाबों का सीमांकन किया जाएगा और जल भराव वाले क्षेत्रों को अंकित कर उनको अतिक्रमण मुक्त करने का कार्य वृहद रूप से किया जायेगा। प्रथम चरण में जिले के 51 तालाबों की जल संवर्धन तथा जल संरक्षण कार्य योजना अनुसार कार्य प्रारंभ कर 30 जून तक कार्य पूर्ण कर कर लिये जायेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/नेहा

   

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