महिला शिक्षक ने लगाये व्याख्याता पर प्रताड़ित करने के आरोप

झुंझुनू, 22 फ़रवरी (हि.स.)। झुंझुनू डाइट में कार्यरत लेक्चरर पर एक महिला शिक्षिका से फोन पर गलत बातें व मैसेज करने के आरोप लगाए। आरोप मुकुन्दगढ (झुंझुनू) की सरकारी स्कूल की एक शिक्षिका ने लगाए हैं। शिक्षा मंत्री व कलेक्टर से लिखित में शिकायत की गई है। महिला टीचर ने शिकायत में लिखा है कि डाइट लेक्चरर परमेंद्र कुल्हार पर लगातार प्रताड़ित कर रहा है। जब मैं बुडाना में लेक्चरर के पद पर थी तब परमेन्द्र फोन व मैसेज कर गलत बातें करने की कोशिश करता था। उसे ऐसा न करने के लिए धमकाया तो वह प्रताड़ित करने लगा है। टीचर ने लिखा है कि जब परमेंद्र समसा में पीओ के रूप में कार्यरत था, तब निरीक्षण के बहाने मेरे स्कूल आया। मैं नहीं मिली तो स्टाफ के सामने मेरे बारे में गलत बातें कही।

शिकायत में लिखा कि एक दिन परमेंद्र मेरे घर तक पहुंच गया और एपीओ कराने की धमकी दी। 6 फरवरी 2024 को राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर से उप निदेशक उर्मिला चैधरी को साथ लेकर वह मेरे स्कूल आ गया। वहां 3 घंटे तक मुझे व अन्य टीचर्स को विद्यार्थियों के सामने डांट-फटकार लगाई। अपमानित किया और एपीओ या सस्पेंड करवाने की धमकी दी। मैं और मेरा स्टाफ स्कूल में समय पर आते हैं।

विद्यालय में कैमरे लगे हैं। इसके बावजूद उर्मिला चैधरी व परमेंद्र ने विजिट रजिस्टर में जान-बूझकर लिखा कि टीचर्स लेट आते हैं। जबकि ऐसा कोई सबूत भी नहीं था। शिकायत में लिखा कि जब भी उर्मिला चैधरी आती हैं तो डाइट लेक्चरर परमेंद्र अनाधिकृत रूप से दो दिन दौरे पर रहता है। टीचर ने मामले की जांच करने और परमेंद्र कुल्हार को डाइट से हटाने की मांग की है। साथ ही डाइट में रहने के दौरान किए कामों की जांच की मांग भी की है।

जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारी इस मामले को लेकर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी अनुसूया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला नॉलेज में है। मामले की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। जांच चल रही है। जिला शिक्षा अधिकारी सुभाष ढाका ने बताया कि मामले के बारे में उच्च अधिकारी ही बता पाएंगे। मेरे पास कोई जांच नहीं है।

महिला शिक्षक के द्वारा व्याख्याता परमेन्द्र पर लगाए गए आरोप के मामले में राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) व राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ (रेसला) की ओर से गुरुवार शाम को कलेक्टर व एसपी को ज्ञापन देकर मामले की सही तरीके से जांच की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि व्याख्याता परमेंद्र कुल्हार की शिक्षक समाज में बहुत अच्छी छवि है। झूठे आरोप लगाकर व्याख्याता की छवि खराब की जा रही है। प्रकरण से समाज में शिक्षा विभाग की छवि धूमिल हुई है। मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। आरोप झूठे पाए जाने पर महिला शिक्षक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।

हिन्दुस्थान समाचार/ रमेश सर्राफ/ईश्वर

   

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