हर गरीब बच्चे को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ेगी धामी सरकार, अपराध में लिप्त होने से बचाएगी

- ऑपरेशन मुक्त अभियान बच्चों को दिखाएगा स्वच्छ व स्वस्थ समाज की राह

देहरादून, 27 फरवरी (हि.स.)। देवभूमि उत्तराखंड को अपराध मुक्त बनाने को लेकर प्रतिबद्ध धामी सरकार अब गरीब बच्चों को अपराध में लिप्त होने से बचाने के साथ उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ऑपरेशन मुक्त अभियान प्रदेश के साथ बच्चाें को अपराध मुक्त बनाएगा ही, उन्हें स्वच्छ व स्वस्थ समाज की राह भी दिखाएगा।

बच्चों से कराई जा रही भिक्षावृत्ति, बच्चों के साथ होने वाले अपराधों की रोकथाम, बच्चों को अपराध में संलिप्त होने से रोकने एवं उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित के लिए प्रदेश भर में एक मार्च से 31 मार्च तक ऑपरेशन मुक्ति अभियान चलेगा। यह अभियान सभी जनपद व रेलवे स्टेशन पर चलाया जाएगा।

मुख्य-मुख्य स्थानों पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट चलाएगा अभियान-

समस्त जनपदों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की ओर से यह अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए रेलवे में भी एक टीम का गठन किया जाएगा। अभियान के लिए संबंधित विभागों व स्वयंसेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा। अभियान जनपद के मुख्य-मुख्य स्थान जहां बच्चों द्वारा भिक्षावृत्ति की जाती है, पर चलाया जाएगा। अभियान में भिक्षावृत्ति, कूड़ा बीनने, गुब्बारे बेचने आदि कार्यों में लिप्त बच्चों को रेस्क्यू कर उनका विद्यालयों में दाखिला कराया जाएगा।

आमजन भी सहयोग कर बन सकेंगे भागीदार-

समस्त स्कूल-कॉलेजों, सार्वजनिक स्थानों, महत्वपूर्ण चौराहों, सिनेमाघरों, बस व रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों आदि स्थानों पर बच्चों को भिक्षा न दिए जाने के संबंध में जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। आमजन भी इस अभियन में सहयोग कर भागीदार बन सकेंगे।

डायल 112 पर दें भिक्षावृत्ति की सूचना, होगी कार्रवाई-

बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति की सूचना डायल 112 पर दी जा सकती है। बच्चों से भिक्षावृत्ति करवाने, किसी भी प्रकार के गैंग के प्रकाश में आने अथवा किसी अपराध का होना पाए जाने पर तत्काल किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल व संरक्षण) अधिनियम के तहत वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

अब तक भिक्षावृत्ति से मुक्त कराए गए 7670 बच्चे, 3603 बच्चों विद्यालयों में दाखिला-

वर्ष 2017 से चलाए जा रहे ऑपरेशन मुक्ति अभियान में अब तक 7670 बच्चों को भिक्षावृत्ति से रेस्क्यू किया गया है। इनमें से 3603 बच्चों का विद्यालयों में दाखिला करा जा चुका है।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज

   

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