दूसरी सबसे लंबी टनल संख्या टी-01 को मिला ब्रेकथ्रू

Second longest tunnel number T-01 got breakthrough

सेवक - रंगपो नई रेल लिंक परियोजना का एक और माइलस्टोन

गुवाहाटी, 28 फरवरी (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिला स्थित सेवक-रंगपो रेल परियोजना (एसआरआरपी) की दूसरी सबसे लंबी टनल संख्या टी-01 (4224 मीटर) के अडिट को 27 फरवरी को ब्रेक थ्रू मिला। इस परियोजना का यह एक प्रमुख माइलस्टोन है। इस टनल की सफलता के साथ, इस परियोजना के सभी अडिट टनलों में खनन कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।

पूर्वोत्तर सीमा रेल (पूसीरे) के सीपीआरओ सब्यसाची डे ने आज बताया है कि पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में कोरोनेशन ब्रिज के पास स्थित 855 मीटर की एक निकासी टनल के साथ मुख्य टनल टी-01 की लंबाई 4224 मीटर है। मुख्य टनल यंग हिमालय के अतिसंवेदनशील एवं चुनौतीपूर्ण भूगर्भीय और भूकंपीय स्थितियों से होकर गुजरती है। एसआरआरपी में अन्य सभी टनलों की तरह, भू-द्रव्यमान की भेद्यता का मुकाबला करने के लिए, यहां नवीनतम और सबसे सॉफिस्टिकेटेड टनलिंग तकनीक यानी न्यू ऑस्ट्रियाई टनलिंग मेथड (एनएटीएम) का उपयोग किया गया है।

सेवक (पश्चिम बंगाल) और रंगपो (सिक्किम) को जोड़ने वाली सेवक-रंगपो नई रेल लिंक परियोजना लगभग 45 किमी लंबी है और इसमें 14 टनल, 13 बड़े पुल, 09 छोटे पुल, और 5 स्टेशन शामिल हैं। सबसे लंबी टनल (टी -10) की लंबाई 5.3 किमी और सबसे लंबा पुल (ब्रिज -17) की लंबाई 425 मीटर है। पूरी परियोजना संरेखण का लगभग 38.65 किमी टनल से गुजर रहा है। टनलिंग कार्य का 91.59% पूरा हो चुका है।

वर्तमान में टनल टी-14 और टी-09 में अंतिम लाइनिंग पूरी हो चुकी है और टनल टी-02, टी-03, टी -05, टी-06, टी-07, टी-10, टी-11 और टी-12 प्रगति पर है। अब तक कुल 10.89 किमी लाइनिंग पूरी हो चुकी है। सभी सेक्शनों में दिन-रात कार्य चल रहा है। यह भारत में चल रही प्रतिष्ठित राष्ट्रीय परियोजनाओं में से एक है और इस परियोजना के पूर्ण होने पर, पहली बार सिक्किम राज्य रेलवे से जुड़ जाएगा। इस रेल नेटवर्क को पूरा करने का उद्देश्य सिक्किम राज्य को वैकल्पिक कनेक्टिविटी प्रदान करना है। वर्तमान में परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए टनलों, पुलों और स्टेशन यार्डों के निर्माण से संबंधित सभी काम-काज युद्ध स्तर पर चल रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ किशोर/अरविंद

   

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