विधानसभा में उद्यान विभाग में भ्रष्टाचार का उठा मामला, मंत्री बोले-दोषी को नहीं छोड़ेगी सरकार

देहरादून, 28 फरवरी (हि.स.)। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने विधानसभा में बुधवार को उद्यान, सिंचाई, स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए घेरेबंदी की। इस दौरान कृषि व कृषक मंत्री ने उद्यान विभाग में गड़बड़ी को लेकर कहा कि जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।

उत्तराखंड में जंगली जानवरों के हमलों से बढ़ती मौत की घटनाओं पर विधानसभा में विपक्ष ने सरकार पर जमकर हमला बोला। मानव और वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं से होने वाली मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। विधानसभा में आज विपक्ष के कई विधायकों ने अपने- अपने विधानसभा क्षेत्रों की घटनाओं पर सिर्फ चिंता व्यक्त करते हुए ठोस नीति बनाए जाने की सरकार से मांग की है।

बुधवार दोपहर 03 बजे भोजनावकास के बाद सदन कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान नियम 310 की सूचना को 58 में सुनी गई। सदन में उठा दून मेडिकल कॉलेज में एनेस्थीसिया वर्क स्टेशन मशीन खरीद में घोटाले का मामला पूर्व सांसद अनिल बलूनी ने मशीन खरीद को चिट्ठी लिखी थी। दूसरे राज्यों के मुकाबले कई अधिक महंगी मशीन खरीदी गई। निविदा में एन वन, व एल टू रेट डालने वाले दोनों बाप बेटे है।

इस दौरान किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ ने पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की बदहाली का मुद्दा उठाते हुए सरकार से बजट जारी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में काम करने वाले मजदूरों का वेतन प्रतिदिन 500 करने मांग की।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा 15 दिन में बैठक कर उचित निर्णय लेंगे। तिलकराज बेहड़ ने कहा 15 दिन में नहीं हुआ निर्णय तो मंत्री आवास में धरना दूंगा।

बसपा विधायक मो. शहजाद ने गन्ना किसानों का मामला उठाते हुए कहा कि हरिद्वार में किसानों को भारी नुकसान है। प्रति किसान को 200 रुपये अतिरिक्त बोनस देने की मांग की।

इस पर गन्ना मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि किसानों को लेकर सरकार संवेदनशील है। किसानों को उत्तर प्रदेश से ज्यादा लाभ देने वाला उत्तराखंड राज्य है।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि हर विभाग में घपले-घोटाले और भ्रष्टाचार चल रहा है। उद्यान विभाग में घपलों की लंबी फेहरिस्त है। घपले घोटालों की पौध सरकार हिमाचल से लेकर आई। युवा दीपक कगरेती ने लड़ी लम्बी लड़ाई लड़ कर न्यायालय गए। उच्च न्यायालय ने कनिका ट्रेडर्स का भुगतान रोकने के आदेश दिये थे। विभाग ने कोर्ट के नियमों को ठेंगा दिखाकर भुगतान किया।

हाई कोर्ट ने कहा कि मामले की सीबाईआई जांच हो, लेकिन सरकार ने एसआईटी जांच बैठा दी और जांच में दोषी पाए गए बबेजा व अन्य के ख़िलाफ़ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। सरकार जांच रुकवाना चाहती है। कोर्ट में सीबीआई जांच रुकवाने के लिए याचिका दायर की गई थी। यह सरकार अधिकारियों को बचाने में लगी है।

यशपाल आर्य ने कहा कि सिचाई विभाग में भी घपले घोटाले चल रहा है। कैग की 2023 रिपोर्ट में अवैध खनन पर सवाल उठाए गए हैं। सरकारी एजंसियों ने अवैध खनन कराया। सरकार माफियाओं को बचाने में लगी है। आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड ऐसे कैसे बनेगा। देवभूमि कलंकित हो रही है। सरकार अवैध खनन के जरिये गैंगवार को बढ़ावा दे रही है।

कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने स्मार्ट सिटी कार्यों में भी घपलों का आरोप लगाया। उत्तराखंड में जंगली जानवरों के हमलों से बढ़ती मौत की घटनाओं पर विधानसभा में विपक्ष ने सरकार पर जमकर हमला बोला। मानव और वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं से होने वाली मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। सदन में आज विपक्ष के कई विधायकों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों की घटनाओं पर सिर्फ चिंता व्यक्त करते हुए ठोस नीति बनाए जाने की सरकार से मांग की है।

मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि न्यायालय के आदेश पर अभिलेख एसआईटी को सौंप दी गई है। उचित धाराओं में एफआईआर पंजीकृत किया गया है। विस्तृत जांच गतिमान है। सरकार का एसआईटी पर विश्वास है। यही एसआईटी है, जिसने नकल मामले में 82 लोगों को जेल भेजा है। सरकार उच्च न्यायालय के आदेश का पालन कर रही है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई की जाएगी।

संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के लिए सतर्कता विभाग के लिए टोल फ्री नंबर की व्यवस्था की गई है। लगाम लगाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए नोडल अधिकारी को नामित किया गया है। सीएम हेल्प लाइन से प्राप्त शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाती है।

वन्यजीव हमलों पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने सदन ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने 900 फॉरेस्ट गार्ड व 300 वन दारोगाओं की भर्ती की है। वन मंत्री ने कहा कि 2110 लोग 2017 से लेकर अब तक घायल हुए हैं। वन्यजीव मौतों में अन्य जानवरों के अलावा बन्दर, ततैया, मधुमक्खियों को भी शामिल किया गया है। वन्यजीवों द्वारा घरेलू जानवरों की मौत पर भी मुआवजा बढ़ाया गया है। मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने को हेल्पलाइन बनाई गई है। जर्मनी की सरकार से भी मदद ले रहे हैं। जागरूकता से मानव वन्यजीव संघर्ष रुक सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/रामानुज

   

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