रील लाइफ को छोड़कर रियल लाइफ से जुड़ें युवा: डॉ. सुधा शर्मा

पुस्तक मेला में पुस्तकों पर चर्चा करते लेखक

नशे से दूर होने के लिए पुस्तकें सबसे अच्छा माध्यम: आनंद चौबे

विश्वविद्यालय स्तरीय एकीकरण शिविर के तीसरे दिन नशा मुक्ति जागरुकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

झांसी,17 मार्च (हि. स.)। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में चल रहे विश्वविद्यालय स्तरीय एकीकरण शिविर के बौद्धिक सत्र में स्वयंसेवकों को नशा मुक्ति के प्रति जागरूक किया गया। स्वयंसेवकों से बात करते हुए डॉ. सुधा शर्मा ने कहा कि तंबाकू, शराब और ड्रग्स की तरह मोबाइल भी एक प्रकार का नशा है. हमें इसपर भी काम करने की जरूरत है। युवाओं को रील लाइफ को छोड़कर रियल लाइफ से जुड़ना जरुरी है। पढ़ाई के साथ लाइफ स्किल्स पर भी काम करना है। युवाओं को किताबों के साथ ही बुजुर्गों से भी जुड़ना चाहिए. उनके अनुभवों से सीखना चाहिए।

सिफ्सा के मंडलीय परियोजना अधिकारी आनंद चौबे ने कहा कि मोबाइल और नशे के बाद नींद बहुत ही खतरनाक बीमारी की तरह उभर कर आई है। हमे अपनी दिनचर्या को सुधारने की जरूरत है। नशे से दूर होने के लिए किताबे अच्छा माध्यम हो सकती हैं। अनिरुद्ध रावत ने कहा कि अगर आप किताब खरीद कर नहीं पढ़ते हैं तो लेखक की मेहनत का अपमान कर रहे हैं।

डॉ. संतोष पाण्डेय ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप जैसे हैं वैसे ही बहुत अच्छे हैं आप जैसा दूसरा कोई व्यक्तित्व नहीं हैं। अगर आपको कभी लगे की आप अकेले हो गए हैं तो किताबों से दोस्ती कर लीजिए.इस से आप नशे से बचेंगे और अपने दोस्तों को भी बचा सकेंगे।

डॉ. शुभांगी निगम ने कहा कि शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए फास्ट फूड के नशे से भी दूर रहना होगा. डॉ. अमित तिवारी ने भोजपुरी भाषा में कविता के माध्यम से युवाओं को नशे के विरुद्ध जागरूक किया।

संचालन डॉ. श्रीहरि त्रिपाठी ने किया। अतिथियों का आभार संयुक्त रुप से डॉ. प्रशांत मिश्र और डॉ. बृजेश लोधी ने ज्ञापित किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में नीरज एंड पार्टी ने लोकगीतों के माध्यम से लोगों का मनोरंजन किया।

इस अवसर पर डॉ अचला पाण्डेय, डॉ सुनीता वर्मा, डॉ सुधा दिक्षित, डॉ विपिन प्रसाद, नवीन चंद पटेल, डॉ प्रेमलता श्रीवास्तव, द्युती मालिनी, अकांक्षा सिंह, अजय शंकर तिवारी, शिवम शर्मा, विशाल, मनीष समेत बड़ी संख्या में स्वयंसेवक मौजुद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश/बृजनंदन

   

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