युवाओं में मादक द्रव्यों की लत एक गम्भीर तथा संवेदनशील समस्या : प्रो. शंखवार

प्रयागराज, 22 मार्च (हि.स.)। आज युवाओं में मादक द्रव्यों की लत एक गम्भीर तथा संवेदनशील समस्या है, जिससे युवाओं में अनेक प्रकार की बीमारियां फैल रही है। युवाओं में मादक द्रव्यों के सेवन की प्रवृत्ति में दिन प्रतिदिन बढ़ोत्तरी हो रही है। उक्त विचार मुख्य वक्ता प्रोफेसर एस.एन शंखवार निदेशक, चिकित्सा विज्ञान संस्थान आई.एम.एस काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने व्यक्त किया।

उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान विद्या शाखा के तत्वावधान में नार्का कोऑर्डिनेशन (मादक पदार्थ) से सम्बंधित विषय में जनमानस में जागरूकता लाने को नशा मुक्ति पर ‘युवाओं में बढ़ती मादक द्रव्य व्यसन की प्रवृत्तिः समस्याएं एवं समाधान’ विषय पर एक दिवसीय ऑनलाइन राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन शुक्रवार को किया गया। मुख्य वक्ता ने इसके विभिन्न कारणों पर बताया कि कैसे लोग नशे के आदी हो रहे हैं तथा वह कैसे लोगों के शारीरिक मानसिक स्तर को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने इसके बचाव के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि हम सभी का यह परम कर्तव्य है कि विशेष रूप से शैक्षणिक संस्थाओं में नशा मुक्ति के लिए जागरूकता लायी जाय और युवाओं को इन बुराइयों से बचाने के लिए स्वस्थ समाज विकसित किया जाए। उन्होंने युवाओं से नशे से दूर रहने का आह्वान करते हुए कहा कि युवा इसके सेवन से विभिन्न प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक विकारों से ग्रसित हो रहा है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों तथा विभिन्न गैर सरकारी संगठनों की इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।

अध्यक्षीय उद्बोधन में मुक्त विवि के कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने कहा कि आज युवाओं में मादक द्रव्यों के सेवन की प्रवृत्ति में इजाफा हुआ है, जो बहुत चिंताजनक है। उन्होंने इसके सामाजिक तथा मनोवैज्ञानिक कारणों को रेखांकित किया। अंत में कहा कि हम सभी का कर्तव्य है कि युवाओं में बढ़ते नशे के प्रयोग और प्रभावों के प्रति जागरूक एवं सचेत करने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम का संचालन आयोजन सचिव डॉ मनोज कुमार तथा धन्यवाद ज्ञापन समाज विज्ञान विद्या शाखा के प्रो. संजय कुमार सिंह ने किया। वेबिनार की सफलता पर कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने आयोजक मंडल को साधुवाद दिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के समस्त निदेशक, प्रभारी निदेशक, शिक्षक, क्षेत्रीय केन्द्रों के समन्वयक, परामर्शदाता, शोध छात्र आदि ने प्रतिभाग किया।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/सियाराम

   

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