नकली डिग्री रैकेट में विभिन्न राज्यों के 112 फर्जी डिग्री मिली

-सिलवासा और सरथाणा से दो अन्य एजेंट गिरफ्तार

-10 हजार रुपये एक लाख रुपये में बनाते थे नकली डिग्री

सूरत, 24 मार्च (हि.स.)। सूरत में नकली प्रमाण पत्र का दायरा बढ़ने लगा है। केन्द्र शासित प्रदेश सिलवासा और सूरत के सरथाणा से दो एजेंट की गिरफ्तारी के बाद केस में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। मामले में अंतराज्यीय गिरोह के संलिप्त होने की प्राथमिक जानकारी भी सामने आई है। अभी तक अलग-अलग राज्यों के शिक्षा बोर्ड और यूनिवर्सिटी से संबंधित 112 फर्जी डिग्री और मार्कशीट मिले हैं। इसमें गुजरात के सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी के 24 डिग्री का भी समावेश है।

सूरत में विद्यार्थियों को नकली डिग्री देने के लिए 10 हजार रुपये से एक लाख रुपये लिए जाते थे। पुलिस के अनुसार अभी तक इस सेंटर से 137 लोगों को नकली मार्कशीट और डिग्री इशु किए जाने की जानकारी सामने आई है। पुलिस को हिसाब की डायरी और रसीद बुक भी मिले हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार दोनों आरोपितों ने 16 लोगों को अलग-अलग यूनिवर्सिटी की नकली डिग्री और मार्कशीट यश एज्युकेशन अकादमी के संचालक निलेश सावलीया के माध्यम से बनाने की जानकारी मिली है। पुलिस ने बताया कि केंगन वाटर का कारोबार करने वाला आसीफ अब्दुल जीवाणी और सरथाणा में स्मार्ट जर्मन इंस्टीट्यूट चलाने वाला केतन शैलेष जेठवा को गिरफ्तार किया गया है। इन दोंनों के कम्प्यूटर, लेपटॉप आदि से कई संदिग्ध कागजात मिले हैं। आसीफ 10 हजार से लेकर 1 लाख रुपये में नकली सर्टिफिकेट बनाता था। दमण और सिलवासा के आसपास जीआईडीसी कंपनियों में नौकरी और प्रमोशन के लिए 10 युवकों को यूनिवर्सिटी की नकली डिग्री और मार्कशीट बनाई थी। केतन जेठवा नकली सर्टिफिकेट से 3 लोगों को जर्मनी पढ़ाई के लिए भी भेज चुका है। बाकी के 3 अन्य लोग सूरत की विभिन्न कंपनियों में नौकरी कर रहे हैं।

ऐसे हुआ खुलासा

तिरुवनंतपुरम में पकड़े गए अक्षर नामक शख्स को नीलेश ने केरल एजुकेशन बोर्ड की 12वीं पास की डुप्लीकेट मार्कशीट 60 हजार लेकर बेची थी. केरल एजुकेशन बोर्ड ने डुप्लिकेट मार्कशीट का मामला पकड़कर अक्षर नामक युवक पर केस दर्ज किया था। इस मामले में सूरत पुलिस के डीसीपी पिनाकिन परमार ने बताया कि सूरत के निलेश सावलिया और फरीदाबाद के मनोज कुमार आपस में वर्ष 2011 से एक दूसरे सम्पर्क में थे। निलेश सावलिया के आर्डर पर मनोज कुमार अलग-अलग बोर्ड और यूनिवर्सिटी की मार्कशीट बनाकर कुरियर से सूरत भेज देता था। निलेश जरूरतमंदों को वह डुप्लिकेट मार्कशीट दिया करता था। पिछले 13 साल से सूरत से सिंगणपोर क्षेत्र में डुप्लिकेट मार्कशीट बनाने का काम चल रहा था।

हिन्दुस्थान समाचार/ बिनोद/બિનોદ

   

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