अपराधियों के बीच जंगी ऐप के उपयोग का प्रचलन बढ़ा: डीजी (सीआईडी)

रांची, 1 अप्रैल (हि.स.)। महानिदेशक (सीआईडी) अनुराग गुप्ता ने कहा कि राज्य में सक्रिय अपराधियों, उग्रवादियों और नशा कारोबार से जुड़े लोग जंगी ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे लोग अपने संगठन से जुड़े लोगों से बात करने व रंगदारी मांगने के लिए भी इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका उपयोग करने के बाद भी अपराधी बचेंगे नहीं।

इस संबंध में डीजी (सीआईडी) गुप्ता का कहना है कि जंगी ऐप, व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसा ही है। इसको वॉइसओवर इंटरेक्ट प्रोटोकॉल (वीओआइपी) भी बोलते हैं। इसके जरिये जब कोई किसी से बात करता है तो वो नॉर्मल नेटवर्क फीचर का उपयोग ना करके आईपी फीचर उपयोग करता है। उन्होंने कहा कि अपराधियों को लगता है कि इस ऐप का उपयोग करेंगे तो वे पकड़े नहीं जायेंगे। ऐसा नहीं है, हमलोग अपराधियों को पकड़ लेंगे।

गुप्ता ने बताया कि हाल के दिनों में नारकोटिक्स के बड़े लीडर भी इस ऐप का उपयोग कर रहे हैं। पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप भी जंगी ऐप का उपयोग करता था। इसी ऐप के माध्यम से ही उसकी गिरफ्तारी भी हुई। बीते 21 मई 2023 को एनआईए ने झारखंड पुलिस के लिए सिर दर्द बना दिनेश गोप को नेपाल से गिरफ्तार किया था।

उल्लेखनीय है कि जंगी ऐप एक मैसेंजर ऐप है, जो सर्वर लेस बताया जाता है। इसमें की गयी बातचीत का डेटा सिर्फ यूजर के मोबाइल पर स्टोर होता है। इस फीचर की वजह से इसे पूरी तरह से प्राइवेट ऐप माना जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार/वंदना/सुनील

   

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