सीमांचल के अररिया में भाजपा - आरजेडी में होगी दिलचस्प टक्कर, वर्षों से हावी है एम-वाई समीकरण

फारबिसगंज/अररिया, 07 अप्रैल(हि.स.) । 2024 के लोकसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है. पहले और दूसरे चरण के नामांकन प्रक्रिया भी पूरी हो गई है वही, भाजपा, कांग्रेस और आरजेडी समेत सभी पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए है और प्रचार प्रसार भी जोर शोर से शुरू कर दी गयी हैं. वही,लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने एक बार फिर एनडीए के साथ गठबंधन कर लिया है और नीतीश कुमार बीजेपी के साथ चुनाव लड़कर आरजेडी का खेल बिगाड़ने की तैयारी में जुट गए हैं.

बिहार में एनडीए का सीट शेयरिंग भी तय हो चुका है, जिसकी घोषणा भी पूर्व में हो गई है और इसके साथ ही एनडीए में कौन सी पार्टी किस सीट से चुनाव लड़ेगी, ये भी तय कर लिया गया है. वहीं, दो चरणों का नामांकन प्रक्रिया भी पूरी हो गई है तीसरे चरण की नामांकन प्रक्रिया 12 अप्रैल से शुरू हो जायेगी वहीं, बिहार की अररिया लोकसभा सीट बीजेपी के खाते में आई है यहां तीसरे चरण में 7 मई को चुनाव होने है ।

आपको बता दें कि अररिया जिले के बाद नेपाल की सीमा शुरू हो जाती है। ब्रिटिश राज के दौरान यह इलाका जिला कलेक्टर और नगरपालिका आयुक्त अलेक्जेंडर जॉन फोर्ब्स के प्रशासन के अधीन था। जहां पर जॉन फोर्ब्स का बंगला था और उस जगह को ‘रेज़िडेन्शियल एरिया’ के रूप में जाना जाता था। रेसिडेंशियल एरिया को संक्षेप में ‘आर-एरिया’ भी कहा जाता था, जो समय के साथ बिगड़ कर ‘अररिया’ हो गया।

सीमांचल का अररिया लोकसभा सीट बेहद ही हॉट सीट माना जाता है यहां राज़द - बीजेपी बेहद ही दिलचस्प टक्कर देखने को मिलता आ रहा है। 2014 के मोदी लहर में इस अररिया लोकसभा सीट पर आरजेडी के उम्मीदवार तस्लीमुद्दीन ने बीजेपी के उम्मीदवार प्रदीप कुमार सिंह को पटखनी दी थी।

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर आरजेडी के उम्मीदवार तस्लीमुद्दीन ने जीत दर्ज की थी. तस्लीमुद्दीन ने बीजेपी के उम्मीदवार प्रदीप कुमार सिंह को करीब डेढ लाख (1,46,504) वोटों से हराया था. तस्लीमुद्दीन को 2019 के लोकसभा चुनाव में 4,07,978 वोट मिले थे. बीजेपी के उम्मीदवार प्रदीप कुमार सिंह को 2,61,474 वोट मिले थे. जेडीयू के उम्मीदवार विजय कुमार मंडल को 2,21,769 वोट मिले थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 61.48 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. कुल 9,75,811 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग भी किया था।

वहीं, आपको बता दें कि अररिया लोकसभा सीट 1967 में अस्तित्व में आई है. इसके पहले ये पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हुआ करता था. साल 2004 तक अररिया लोकसभा सीट आरक्षित सीट में गिनी जाती थी. 2009 के लोकसभा चुनाव में अररिया सीट सामान्य हुई है. अररिया लोकसभा सीट में M-Y फैक्टर काम करता आ रहा है ।

वही, सीमांचल के अररिया लोकसभा सीट के जातीय समीकरण की बात करे तो यहां मुस्लिम-यादव (M-Y) फैक्टर काम करता है. इस सीट पर 44 प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं की संख्या है. 56 प्रतिशत हिंदू मतदाताओं की संख्या है. 15 प्रतिशत यादव वोटर हैं. इस तरह मुस्लिम और यादव मिलकर 59 प्रतिशत हो जातें है, जो कि हिंदू वोटर से अधिक हैं. इसलिए MY फैक्टर इस सीट पर खास मायने रखते आ रहे है।

वहीं, अभी यह सीट बीजेपी के खाते में है. यहां से प्रदीप कुमार सिंह सांसद हैं. सीमांचल के गाँधी कहे जाने वाले मोहम्मद तसलीमुद्दीन 2014 से 2017 तक इस सीट पर सांसद थे वहीं उनके निधन के बाद 2018 में इस सीट पर उपचुनाव हुआ था. जिसमें में आरजेडी के उम्मीदवार तसलीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम ने बीजेपी के प्रत्याशी प्रदीप कुमार सिंह को 60 हजार से अधिक वोटों से हराया था । वही, इस उपचुनाव में आरजेडी के उम्मीदवार सरफराज को 5,09,334 वोट मिले थे. बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह को 4,47,546 वोट मिले थे. 17 हजार से ज्यादा लोगों ने NOTA का बटन दबाया था.

वही, 2019 के लोकसभा चुनाव में अररिया सीट से बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह ने जीत दर्ज की थी. प्रदीप कुमार सिंह ने आरजेडी के उम्मीदवार तसलीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम को 1,37,241 वोटों से हराया था. बीजेपी उम्मीदवार प्रदीप कुमार सिंह को 2019 लोकसभा चुनाव में 6,18,434 वोट मिले थे. आरजेडी के उम्मीदवार सरफराज आलम को 4,18,193 वोट मिले थे. इस सीट पर 64.79 प्रतिशत मतदान हुआ था. कुल 11,69,741 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. इनमें से 20 हज़ार से अधिक लोगों ने NOTA का बटन भी दबाया था.अररिया लोकसभा सीट में 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें से 3 बीजेपी, 1 कांग्रेस, 1 जेडीयू और आरजेडी के विधायक वर्तमान में हैं।

इस सीट पर 7 मई 2024 को मतदान होने हैं दोनों पार्टियों ने अभी से ही प्रचार प्रसार में ताक़त झोंक दी है । देखने वाली बात होगी की रण में कौन मारेगी बाज़ी?

हिन्दुस्थान समाचार/प्रिंस कुमार/चंदा

   

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