फोटोग्राफ का कम्पोजिशन सबसे महत्वपूर्ण : उमेश गोगना

--समर्पण भाव से ही कर्तव्यनिष्ठा और कार्यक्षमता में वृद्धिः प्रो. ऋषिकांत

प्रयागराज, 07 अप्रैल (हि.स.)। बदलते समय में फोटो खींचना उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना कि फोटोग्राफ का कम्पोजिशन। इसके लिए जरूरी है कि हम फोटोग्राफी से जुड़ी सभी प्रकार की तकनीकियों का ज्ञान रखें। तकनीकी पक्ष जितना मजबूत होगा उतना ही विस्तृत हमारा विजन होगा।

यह बातें जयपुर से आये प्रख्यात फोटोग्राफर उमेश गोगना ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेन्टर ऑफ मीडिया स्टडीज में आयोजित चार दिवसीय फोटोग्राफी कार्यशाला का उद्घाटन करने के उपरान्त कही। उन्होंने कहा कि आज हर क्षण हर कोई फोटोग्राफी कर रहा है। ऐसे में प्रोफेशनल होना और फोटोग्राफी का जुनून रखना आवश्यक है। ऐसे प्रोफेशनल फोटोग्राफर की मांग बढ़ती जा रही है, जो विस्तार लेती कार्पोरेट की दुनिया में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज करा सके।

गोगना ने एम.वोक. और बी.ए. इन मीडिया स्टडीज तथा बी.वोक. इन मीडिया प्रोडक्शन के विद्यार्थियों के लिए आयोजित डिजिटल फोटोग्राफी कार्यशाला में जहां कैमरे की बारीकियों से परिचित कराया। वहीं दूसरी ओर उन्होंने प्रोडक्ट फोटोग्राफी व फैशन फोटोग्राफी का भी प्रशिक्षण दिया। चार दिनों तक चलने वाली इस कार्यशाला में एक दिन आउटडोर फोटोग्राफी का भी होगा।

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए सेन्टर के कोआर्डिनेटर प्रोफेसर ऋषि कान्त पाण्डेय ने कहा कि जब तक हमें अपने प्रोफेशन से लगाव नहीं होगा तब तक हमारे भीतर अपने प्रोफेशन के प्रति समर्पण का भाव नहीं आयेगा। समर्पण का भाव ही हमारे भीतर कर्तव्यनिष्ठा और कार्यक्षमता को बढ़ाता है। विद्यार्थियों को तय करना होगा कि कौन सी कार्यकुशलता उन्हें अन्य से अलग कर सकेगी।

प्रारम्भ में सेन्टर के कोर्स कोआर्डिनेटर डॉ धनंजय चोपड़ा ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि मीडिया के विद्यार्थियों के लिए ऐसी कार्यशालाएं उनकी गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक होती हैं। कार्यक्रम का संचालन व परिचय फोटोग्राफी के अध्यापक एसके यादव ने किया। इस अवसर पर सेन्टर के अध्यापकगण विद्यासागर मिश्र, प्रियंका मिश्रा और ऋतु माथुर तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/आकाश

   

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