बांसवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार पार्टी से निष्कासित, बीएपी से गठबंधन के बाद भी नहीं लिया नाम वापस

जयपुर, 8 अप्रैल (हि.स.)। बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार अरविंद डामोर को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। यह निष्कासन कांग्रेस और भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) के बीच गठबंधन होने के ऐलान के बाद नाम वापस नहीं लेने के कारण किया गया है। निष्कासन के बावजूद डामोर कांग्रेस के ही उम्मीदवार रहेंगे, क्योंकि निष्कासन से पहले ही पार्टी डामोर को चुनाव चिह्न दे चुकी थी। पहले यहां से कांग्रेस और भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) के उम्मीदवारों ने नामांकन फॉर्म भरे। सोमवार को कांग्रेस ने बीएपी से गठबंधन का ऐलान कर दिया, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार अरविंद डामोर अचानक गायब हो गए और उनसे किसी का संपर्क नहीं हो पाया।

इस घटनाक्रम के बाद अब बांसवाड़ा सीट पर चुनाव रोचक हाे गया है। कांग्रेस भले ही अपने उम्मीदवार का प्रचार न करे, लेकिन उसका प्रत्याशी मैदान में रहेगा। इस वजह से इस सीट पर भाजपा के महेंद्रजीत सिंह मालवीया, बीएपी के राजकुमार रोत और कांग्रेस के अरविंद डामोर के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा। कांग्रेस ने इस सीट पर नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन अर्जुन बामनिया को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया था, वहीं अरविंद डामोर से डमी कैंडिडेट के तौर पर नामांकन जमा करवाया था। बामनिया ने ऐनवक्त पर नामांकन ही दाखिल नहीं किया, इसलिए कांग्रेस ने डामोर को अपना चुनाव चिह्न दे दिया था। इस दौरान कांग्रेस और बीएपी के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा चल रही थी, सोमवार सुबह इस पर फैसला होने के बाद कांग्रेस ने गठबंधन का ऐलान किया, लेकिन फिर डामोर ने नाम वापस नहीं लिया।

डामोर के साथ ही पार्टी ने बागीदौरा विधानसभा सीट पर उप-चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी कपूर सिंह को भी छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। उन्होंने भी नामांकन वापस नहीं लिया। तकनीकी तौर पर ये कांग्रेस के उम्मीदवार रहेंगे। बीएपी ने दावा किया कि बीजेपी उम्मीदवार महेंद्रजीत सिंह मालवीया कांग्रेस उम्मीदवारों के नामांकन वापस नहीं होने देने का दबाव बना रहे थे। बीएपी प्रवक्ता प्रोफेसर जितेंद्र मीणा ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि बागीदौरा उप चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार कल रात से गायब थे। बीजेपी उम्मीदवार महेंद्र जीत मालवीया की तरफ से नॉमिनेशन वापस नहीं लेने का दबाव था। अब देखते हैं कांग्रेस कैसे इस चुनौती से निपटेगी। कैसे गठबंधन धर्म निभाएगी।

उल्लेखनीय है कि रविवार को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बीएपी के साथ दोनों सीटों (बांसवाड़ा और बागीदौरा) पर गठबंधन की घोषणा की थी।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

   

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