13 अप्रैल को सतुआईन एवं खरना,14 को जुड़िशीतल एवं सायंकालिक चैतीछठ एवं अर्घदान : ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा

सहरसा,12 अप्रैल (हि.स.)।कोसी क्षेत्र के विख्यात ब्रजकिशोर ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा ने कहा कि लोक आस्था का महापर्व चैती छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान चैत्र शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ आरंभ हो गया है।

13 अप्रैल शनिवार को व्रती पूरे दिन निराहार रह कर शाम में खरना का पूजा कर गुड़ से बने खीर प्रसाद के रूप में ग्रहण कर निर्जला उपवास को लेकर संकल्प लेगी एवं 13 अप्रैल को ही सतुआईन का भी पर्व मनाया जायेगा।

14 अप्रैल रविवार को व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देगी एवं जुड़िशीतल का पर्व भी मनाया जायेगा।15 अप्रैल को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पारण कर चार दिवसीय महापर्व को पूर्ण करेंगी।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरना का प्रसाद ग्रहण करने से निरोग काया, बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होती है। भगवान सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना गया है। सूर्य की कृपा से घरों में सुख-शांति और समृद्धि में वृद्धि होती है।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा

   

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