शिवाजी महाराज ने देश का पहला सर्जिकल स्ट्राइक किया : स्वामी गोविन्द देव

हरिद्वार, 15 अप्रैल (हि.स.)। पतंजलि विश्वविद्यालय में चल रही ''छत्रपति शिवाजी महाराज कथा'' के सातवें दिन कथा व्यास स्वामी गोविन्द देव गिरि ने कहा कि हमारा देश पहले से ही विश्व गुरु है, इसको विश्व गुरु बनाने की आवश्यकता नहीं है लेकिन भारत को विश्व गुरु की मान्यता तब मिलेगी जब इसकी सेना सबल और नागरिक धनवान होंगे।

कथा के दौरान उन्होंने शिवाजी महाराज के पराक्रम और वीरता को प्रणाम करते हुए कहा कि सभी लोगों को जो लगभग असम्भव सा लग रहा था, वह कार्य शिवाजी महाराज ने कर दिखाया। पुणे शहर में लाल किले के भीतर लाखों की सेनाओं से आवृत्त घेरे में शाहिस्ता खान था। 258 मावलों को साथ ले करके शिवाजी महाराज किले में कैसे घुसे और सुरक्षित कैसे बाहर निकल गए, यह चमत्कार था। कोलाहल और अंधकार का लाभ उठाकर शाहिस्ता खान जनाने खाने में घुस गया और किसी तरह अपनी जान बचा पाया किन्तु उसके हाथ की उंगलियां कट गईं और उसका पुत्र फाजल खान भी मारा गया। शिवाजी महाराज का यह ऐतिहासिक युद्ध देश का पहला सर्जिकल स्ट्राइक था, जिसमें 55 मुगल मारे गए तथा 6 मराठे भी वीरगति को प्राप्त हुए।

कार्यक्रम में पतंजलि परिवार के वरिष्ठ पद्मसेन आर्य, पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल, मानविकी संकायाध्यक्षा साध्वी आचार्या देवप्रिया, आचार्यकुलम् की उपाध्यक्षा डॉ. ऋतम्भरा, भारत स्वाभिमान के मुख्य केन्द्रीय प्रभारी भाई राकेश ‘भारत’, स्वामी परमार्थदेव, आचार्यकुलम् की प्रधानाचार्या आराधना कौल, पतंजलि विश्वविद्यालय के आई.क्यू.ए.सी. सेल के अध्यक्ष प्रो. के.एन.एस. यादव सहित सभी पतंजलि संस्थानों से सम्बद्ध समस्त इकाई प्रमुख, अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थानसमाचार/रजनीकांत/सत्यवान/रामानुज

   

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