सरदार के निधन पर कुशीनगर में शोक, श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों का तांता

– फाइटर पायलट के साथ उद्योगपति और शिक्षाविद् के रूप में की देश की सेवा

कुशीनगर,16 अप्रैल(हि.स.)। कुशीनगर के बुद्ध पीजी कॉलेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं भारत के सबसे पुराने फाइटर पायलट स्क्वाड्रन लीडर दलीप सिंह मजीठिया का सोमवार देर रात को 103 बर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने उत्तराखंड में अपने फार्म हाउस में अंतिम सांस ली। उनके निधन से कुशीनगर में शोक की लहर दौड़ गई।

मंगलवार को दोपहर बुद्ध पीजी कॉलेज में एक शोक सभा हुई। लोगों ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व को याद करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किया। कालेज के शिक्षकों समेत विभिन्न क्षेत्रों से एकत्रित लोगों ने फायटर पायलट के रूप में देश की सेवा करने और पूर्वांचल के किसानों की बेहतरी और युवाओं की उच्च शिक्षा के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए निधन से एक युग का अवसान हो जाना बताया।

राज्यसभा सांसद आरपीएन सिंह, कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही,पूर्व सांसद राजेश पांडेय,सांसद विजय दुबे, पूर्व विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी, शिक्षाविद् डा.डी एस तिवारी,अमृतांशु शुक्ला समेत अनेक लोगों ने सरदार के निधन को लोक की बड़ी क्षति बताया है।

दलीप सिंह मजीठिया का जन्म 27 जुलाई, 1920 को शिमला में हुआ था। अपने चाचा सुरजीत सिंह मजीठिया के नक्शेकदम पर चलते हुए 1940 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय वायु सेना में शामिल हुए। उनके पिता कृपाल सिंह मजीठिया ब्रिटिश शासन के दौरान पंजाब का एक जाना माना नाम था। वो चीफ खालसा दीवान से जुड़े थे और खालसा कॉलेज अमृतसर के संस्थापकों में से एक थे।

सेना से अवकाश लेने के बाद 1947 के करीब में मजीठिया गोरखपुर चले गए और जहां वह सरदार नगर में पहले से स्थापित अपने परिवार की सरैया सुगर मिल का काम देखने लगे। लंबे समय तक वह इस चीनी मिल के चेयरमैन रहे। उनके चेयरमैन रहते वह चीनी मिल एशिया की ख्यातिप्राप्त मिल हो गई। उनके कार्यकाल में सरैया स्टील कंपनी और रोलिंग मिल सहित कई अन्य उद्योग भी खूब फले-फूले। इसी दौरान उन्होंने युवाओं, महिलाओं की शिक्षा के लिए अनेक स्कूल कालेजों की स्थापना की। कुशीनगर का बुद्ध पीजी कालेज, बुद्ध इंटर कालेज,गोरखपुर का लेडी प्रसन्न कौर इंटर कॉलेज सरदारनगर भी आज दिलीप सिंह मजीठिया के ही प्रबंधन में ही चलता है। उस दौर में यहां पढ़ने के लिए पूर्वी उप्र के जिलों के साथ साथ बिहार और नेपाल के छात्र भी उच्च शिक्षा के लिए कुशीनगर आते थे। कुशीनगर का बुद्ध पीजी कालेज,बुद्ध इंटर कालेज, गोरखपुर का लेडी प्रसन्न कौर इंटर कालेज सरदारनगर भी आज दिलीप सिंह मजीठिया के ही प्रबंधन में ही चलता है।

मदन मोहन इंजीनियरिंग विश्विद्यालय के लिए दी 317 एकड़ जमीन दान

1970 में गोरखपुर में वर्तमान मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग विश्विद्यालय खोलने को लेकर जमीन की अड़चन का मामला जब सरदार दिलीप सिंह तक पहुंचा तो उन्होंने इसमें खुद पहल की। विश्विद्यालय के लिए उन्होंने अपनी 317 एकड़ जमीन दान में दे दी। जहां खड़ा हो प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कई प्रदेशों के छात्रों को आकर्षित कर रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/गोपाल

   

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