सार्वजनिक उद्योगों को निजी हाथों में जाने से बचाना होगा, कांग्रेस को मजबूत करें : डॉ. महंत

Public industries must be saved from going into private handsPublic industries must be saved from going into private handsPublic industries must be saved from going into private handsPublic industries must be saved from going into private handsPublic industries must be saved from going into private handsPublic industries must be saved from going into private handsPublic industries must be saved from going into private handsPublic industries must be saved from going into private handsPublic industries must be saved from going into private handsPublic industries must be saved from going into private handsPublic industries must be saved from going into private handsPublic industries must be saved from going into private handsPublic industries must be saved from going into private hands

श्रमिक संगठन सीटू के पदाधिकारियों से नेता प्रतिपक्ष ने की मुलाकात

कोरबा, 21 अप्रैल (हि. स.)। लोकसभा निर्वाचन के मद्देनजर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कांग्रेस को मजबूती के साथ केन्द्र में सरकार बनाने के लिए अपना अभियान जारी रखते हुए श्रमिक संगठन सीटू के पदाधिकारियों से मुलाकात कर उनकी बैठक ली। देश के सभी वामपंथी दल इंडिया गंठबंधन में शामिल हैं और केन्द्र की मौजूदा सरकार के द्वारा संविधान, लोकतंत्र व सार्वजनिक उद्योगों को संकट से बचाने के लिए लगातार संघर्षरत है।

डॉ. महंत ने कहा कि हर बार के चुनावों से कुछ अलग यह चुनाव निर्णायक साबित होने वाला है जो देश की दिशा और दशा को बदलेगा। पिछले 10 वर्षों में देश को मनमाने तरीके से संचालित किया जाता रहा है। बहुमत का बेजा इस्तेमाल कर निर्णय थोपे जाते रहे और जब विरोध हुआ तो सदन में विपक्ष को निलंबित कर दिया गया। इस तरह की मनमानी आगे और बढ़ने न पाए। देश के लाभकारी उद्योगों की स्थापना कांग्रेस शासन काल में हुई और लाभ वाले उद्योगों को भी भाजपा की सरकार ने चंद उद्योगपतियों के हाथों बेच दिया। आज मजदूर संगठनों के साथ-साथ मजदूर भी शोषित और पीड़ित है।

भाजपा विपक्ष विहीन संसद की कल्पना कर रहा है और उसने किसानों के जीवन के लिए महत्वपूर्ण किसान बिल और 29 श्रम कानूनों को खत्म कर श्रम संहिता लागू की है। इस तरह से सरकार ने किसानों मजदूरों, युवाओं, महिलाओं और आम जनता को हर मौके पर प्रताडि़त करने का ही काम किया है। भाजपा की कार्पोरेटपरस्त नीतियां एवं पूंजी का असमान वितरण, सार्वजनिक उद्योगों के खात्मे का अभियान, कोयला उद्योगों पर लगातार किए जा रहे हमले, कोल इंडिया के शेयर लगातार सरकार द्वारा बेचे जाने के परिणाम भयानक होने लगे हैं। भविष्य में यह परिणाम और भी भयानक होंगे जब कार्पोरेट परस्त भाजपा की सरकार अपने इरादे में कामयाब हो जाएगी, इसलिए हम सबको मिलकर ऐसे खतरनाक मंसूबे को कामयाब नहीं होने देना है और कोरबा से लेकर केन्द्र में कांग्रेस को भारी मतों से चुनकर लाना है। बैठक में उपस्थित सांसद ज्योत्सना महंत ने भी श्रमिक संगठन के पदाधिकारियों से आशीर्वाद मांगा।

बैठक में वीएम मनोहर, खगेश्वर राम, सुरेन्द्र कुमार, मनोज कुमार, संतोष कुमार, डीपी सिंह, डीपी लहरे, जेएल चौहान, एनजे तिर्की, चेतन लाल मंडावी, केआर कश्यप, बीएल साहू, बीएल साहू, बीएस पवार, भुनेश्वर सिंह, जी.राजेश, एस राजेश पिलई, मकुंद सिंह शरडे, अनिल कुमार, लीलाम्बर शर्मा, एस सामंता, आरके सुरजे, एएल साहूू, शिशुपाल सिंह यादव, ईश्वरी प्रसाद केशरवानी, संतोष कुमार शाह, संपत लाल, राहुल कुमार, मो. सद्दाम हुसैन, साजी टी जॉन, अनुप सरकार, धरमलाल टंडन, मनोहर लाल साहू, श्याम कुमार खूंटे, समीर अंसारी, मोहन प्रधान, सुनील धीवर, एम पटेल, शिव कश्यप, सहज कुमार, दिलीप कुमार वैष्णव आदि उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी

   

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