प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'पॉलिटिक्स ऑफ परफोरमेंस' पर बल दिया : डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे

जयपुर, 24 अप्रैल (हि.स.)। भाजपा के लोकसभा चुनाव प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा चुनाव को मतदाताओं को काम काज का हिसाब किताब देने और उच्च जनतांत्रिक मूल्यों के रूप में देखती है। 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद ‘‘पॉलिटिक्स ऑफ परफोरमेंस’’ शब्दावली का उपयोग किया था। क्योंकि भाजपा परफोरमेंस की बात करती है, कांग्रेस सहित अन्य दल तो परफोरमेंस के ‘‘पी’’ का उच्चारण तक नहीं करते। प्रधानमंत्री मोदी सहित हमारे राष्ट्रीय, प्रदेश, जिला, मंडल और बूथ स्तर के सभी कार्यकर्ता बहुत मेहनत करते है। भाजपा के कार्यकर्ता परिश्रम व प्रतिभा से लोकशिक्षण का प्रयास करते हैं, इसलिए हम कहते हैं कि हमारे कामों के आधार पर मतदाता को अपना निर्णय करना चाहिए। हम प्रबोधन और लोक शिक्षण को बहुत प्रधानता देते हैं।

डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि चुनाव प्रचार के बीते 40 दिनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और वित्त मंत्री सहित केंद्र के 14 वरिष्ठ नेता प्रदेश में विभिन्न सभाओं और अन्य आयोजनों में आए। इस दौरान केंद्रीय नेताओं की कुल 37 सभा, 10 रोड- शो, तीन पत्रकार वार्ता और 14 अन्य सम्मेलन हुए। इस आधार पर हम कह सकते हैं, कि हमने राजस्थान के सभी 25 लोकसभा क्षेत्रों को कवर करने की पूरी कोशिश की है। वहीं प्रदेश स्तर के नेताओं की बात करें तो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री और अन्य मंत्रियों सहित 51 वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली। प्रचार के दौरान प्रदेश स्तरीय नेताओं की कुल 144 सभा, 34 रोड- शो और 73 अन्य सम्मेलन आयोजित हुए। यह काम केवल केंद्रीय या प्रदेश स्तरीय नेताओं तक सीमित नहीं था, हमारा हर कार्यकर्ता अपने-अपने बूथ पर पार्टी का प्रवक्ता बनकर काम कर रहा था और पार्टी के काम का हिसाब-किताब भी देता था। कार्यकर्ताओं ने मतदाताओं से मिलकर जनादेश के लिए प्रार्थना भी की है।

डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि भाजपा परफोरमेंस और विकास की राजनीति करती है, इसलिए चुनाव प्रचार के दौरान गृहमंत्री अमित शाह सहित अन्य नेताओं ने विकास के संदर्भ में आंकड़ों सहित स्पष्टीकरण दिया है। भाजपा और कांग्रेस की विकास को लेकर धारणा का अंतर इसी से स्पष्ट होता है। चुनाव प्रचार के दौरान मुख्य रूप से ईआरसीपी, पेपर लीक के खिलाफ भाजपा की प्रदेश सरकार की कार्रवाई के बारे में भी खुलकर बताया गया। भाजपा हमेशा विकास की राजनीति करती है, लेकिन दुर्भाग्यवश प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी अभी भी अपने पुराने ढंग सोशलिज्म और सेकुलरिज्म से आगे नहीं बढ़ पा रही है। सभी जानते हैं कि संविधान निर्माताओं ने इन शब्दों का विरोध किया था और बहस होने के बाद संविधान सभा ने यह तय किया कि इन शब्दों की कोई आवश्यकता नहीं है। कांग्रेस ने यह गलत काम संविधान निर्माता की आकांक्षाओं के विपरीत किया और इन शब्दों को समाहित किया।

डॉ. सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि कांग्रेस की ओवरसीज बॉडी के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स की वकालात करते हुए इसे अमेरिका जैसा बनाने की बात कही। पित्रोदा ने कहा है कि जैसे घर, कुटुंब के किसी सदस्य की मृत्यु होती है तो उसके वारिसों को उस धन का कुछ प्रतिशत देकर बाकी सारा धन सरकार के पास जमा होना चाहिए। सैम पित्रोदा के इस बयान से कांग्रेस के नेताओं की सोच सामने आती है। वहीं राहुल गांधी पूर्व में संपत्ति के पुर्नवितरण की वकालात कर चुके हैं। राहुल गांधी के इस बयान से मतदाता आशंकित है, क्योंकि लोगों ने अपना खून पसीना बहाकर संपत्ति कमाई और ये उसे बांटने की बात करते वहीं कांग्रेस ने एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को खत्म करने के लिए धर्म के आधार पर आरक्षण की वकालात की है, जबकि हमारी संविधान सभा ने धर्म आधारित आरक्षण को सिरे से खारिज किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने भी कर्नाटक और अन्य जगहों पर कहा था कि कांग्रेस पार्टी ने वोट बैंक की राजनीति के चलते अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का अतिक्रमण कर अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने की वकालात की है। यह ना केवल संविधान निर्माताओं का अपमान है, बल्कि अनुसूचित जाति जनजाति के भाई बहनों के अधिकारों पर भी अतिक्रमण है।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर

   

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