चैत्र पूर्णिमा पर परमहंस लक्ष्मीनाथ गोसाई चरण पादुका यात्रा आयोजित

सहरसा,24 अप्रैल (हि.स.)। जिले के सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल स्थित परमहंस लक्ष्मीनाथ गोसाई कुटी साधना स्थल खजूरी से बाबा जी के जन्मस्थली परसरमा तक चरण पादुका यात्रा निकाली गई। साधना कुटी स्थल के साधक आचार्य प्रभाकर ने बताया कि समाज में शांति बनाए रखने तथा विश्व कल्याणार्थ निरंतर चरण पादुका यात्रा निकल जाती है। उसी कड़ी में चैत्र पूर्णिमा के शुभ अवसर पर यह चरण पादुका यात्रा निकाली गई।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भरत ने भगवान राम की पादुका को अपने सिर पर धारण कर चित्रकूट से नंदीग्राम लाए।उसी प्रकार आचार्य प्रभाकर के द्वारा साधना कुटी स्थल से परमहंस लक्ष्मी नाथ गोसाई की खड़ाऊ को पूजा कर अपने मस्तक पर धारण करते हुए बाबा जी की जन्मस्थली परसरमा धाम तक यह चरण पादुका आयोजित की जाती है।जहां के मुख्य पुजारी को सौंपा जाता है।इस क्रम में रास्ते भर संत लक्ष्मी नाथ गोसाई द्वारा रचित भजन गाकर लोगों का ध्यान आकृष्ट करते हैं।

आचार्य प्रभाकर ने बताया कि सृष्टि की उत्पत्ति काल से ही अपने शरीर को गतिमान रखने के लिए खराऊ का उपयोग किया जाता था।खड़ाऊ धारण करने से शरीर में रक्त संचार सही रहती है।वहीं पाचन तंत्र भी सुदृढ रहता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी आज लोग एक्यूप्रेशर का सहारा ले रहे हैं जबकि खड़ाऊ हमारे पूर्वजों की देन है। खराब धारण करने से एक्यूप्रेशर का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। खराऊ धारण करना यानी शरीर को स्वस्थ रखना माना जाता है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में खड़ाऊ का प्रयोग नहीं हो रहा है बल्कि इसके बदले पैरों में लोग प्लास्टिक धारण कर रहे है। जिसके कारण शरीर में नाना प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं।वही दांत एवं आंख की समस्या दिनानुदिन खराब होती जा रही है।

आचार्य प्रभाकर ने बताया कि चरण पादुका यात्रा के क्रम में लोगों का अभूतपूर्व सहयोग मिलता है। वही इस यात्रा को सफल बनाने में साधना स्थल की व्यवस्थापिका राजनंदनी, पंडित राजकुमार मिश्रा, पंडित संतोष कुमार मिश्रा, डॉक्टर उदय कुमार मिश्र,डॉक्टर रंजीत मिश्रा, डॉक्टर ध्रुव कुमार चौधरी, बैजू बैद्यनाथ, मृदुला देवी,विशाल खेतान, सुजय कुमार सिंहा सहित अन्य लोगों ने सराहनीय योगदान दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा

   

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