जीजीएम साइंस कॉलेज में भारतीय ज्ञान प्रणाली और एनईपी-2020 पर सेमिनार आयोजित

जीजीएम साइंस कॉलेज में भारतीय ज्ञान प्रणाली और एनईपी-2020 पर सेमिनार आयोजित


जम्मू, 8 दिसंबर । जम्मू के जीजीएम साइंस कॉलेज में “इंडियन नॉलेज सिस्टम एन्ड एनईपी-2020: रिवाइबिंग ऐन्शन्ट विस्डम फॉर मॉडर्न चॅलेंजिज” विषय पर एक महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें कॉलेज के प्रिंसिपल, प्रख्यात विद्वानों, फैकल्टी सदस्यों और बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. रोमेश कुमार गुप्ता ने किया। इस अवसर पर रिसोर्स पर्सन डॉ. अजय कुमार सिंह (पूर्व निदेशक एवं संस्थापक फैकल्टी, सेंटर फॉर कम्पेरेटिव रिलिजन्स एंड सिविलाइजेशन्स, केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू), डॉ. वंदना खजूरिया, डॉ. पंकज गुप्ता, डॉ. अशाक हुसैन, डॉ. बी.पी. सिंह, डॉ. मतीन हाफिज, प्रो. किरण बाला, डॉ. अजय सिंह डडवाल और डॉ. बलकृष्ण उपस्थित रहे।

अपने संबोधन में प्रिंसिपल डॉ. रोमेश कुमार गुप्ता ने आयोजन टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे सेमिनार अकादमिक विमर्श को समृद्ध करते हैं और संस्थान को एनईपी-2020 के अनुरूप आगे बढ़ने में मदद करते हैं। उन्होंने छात्रों व फैकल्टी को भारतीय ज्ञान-परंपरा को आधुनिक चुनौतियों के समाधान के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में अपनाने का आह्वान किया। सेमिनार का स्वागत भाषण डॉ. वंदना खजूरिया ने प्रस्तुत किया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पारंपरिक भारतीय ज्ञान प्रणालियों को वर्तमान पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके बाद, डॉ. पंकज गुप्ता ने कार्यक्रम की थीम का परिचय देते हुए बताया कि प्राचीन भारतीय ज्ञान आधुनिक वैश्विक चुनौतियों का समाधान प्रदान करने में किस प्रकार प्रासंगिक है।

इसी बीच डॉ. बी.पी. सिंह ने रिसोर्स पर्सन डॉ. अजय कुमार सिंह का परिचय कराया और भारतीय ज्ञान प्रणाली के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉ. अजय कुमार सिंह ने भारत की प्राचीन दार्शनिक परंपराओं, वैज्ञानिक उपलब्धियों और शिक्षण पद्धतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार एनईपी-2020 समग्र शिक्षा, बहु-विषयी दृष्टिकोण और मूल्य-आधारित शिक्षण को बढ़ावा देकर भारतीय ज्ञान प्रणाली को पुनर्जीवित करने की दिशा में काम कर रही है।

सेमिनार के दौरान छात्र प्रतिभागियों ने भी अपने विचार साझा किए। अंत में आयोजित इंटरैक्टिव सत्र में छात्रों और शिक्षकों ने रिसोर्स पर्सन से विभिन्न प्रश्न पूछकर विषय की गहरी समझ प्राप्त की।

   

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