नौसेना ने तिरुवनंतपुरम के शंगुमुघम तट पर 'समुद्री शक्ति' का प्रदर्शन किया


- सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर द्रौपदी मुर्मु मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं

​​नई दिल्ली, 04 दिसंबर (हि.स.)।​ भारतीय नौसेना ने तिरुवनंतपुरम के शंगुमुघम समुद्र तट पर ​अपनी परिचालन क्षमता और समुद्री क्षमताओं का ​शानदार​ प्रदर्शन किया। इस ​दौरान नौसेना की दुर्जेय युद्ध क्षमताओं, प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता और परिचालन तत्परता को जीवंत ​करने के साथ ही देश की बढ़ती समुद्री शक्ति और आत्मनिर्भरता को भी दर्शाया​ गया।​ बतौर मुख्य अतिथि आने पर भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति​ द्रौपदी मुर्मु ​150 जवानों ​ने औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया ​और स्वागत नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने किया। ​

​सेना दिवस पर हुए इस कार्यक्रम को केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर​, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन सहित अनेक प्रतिष्ठित व्यक्तियों, वरिष्ठ केंद्रीय एवं राज्य के सरकारी​ अधिकारियों, सैन्य अधिकारियों और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने देखा।​ इस ​ऑपरेशन डेमो में अग्रिम पंक्ति के प्लेटफार्मों ​ने समन्वित युद्धाभ्यास का एक रोमांचक प्रदर्शन किया, जो नौसेना की समुद्री क्षेत्र में शक्ति और सटीकता प्रदान करने की क्षमता का प्रतीक था। स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत सहित बीस से अधिक नौसैनिक जहाजों और पनडुब्बियों ने ​हवाई संपत्तियों और मरीन कमांडो ​के साथ नौसेना की ताकत और परिचालन उत्कृष्टता का शानदार प्रदर्शन किया।

​समुद्र तट पर ऑपरेशन डेमो में​ नौसेना की समुद्री उत्कृष्टता और एक विश्वसनीय बल के रूप में इसकी अटल भूमिका को रेखांकित किया, ​गया जो महासागरों में विश्वास प्रेरित करता है, साझेदारी बनाता है और सामूहिक सुरक्षा को बरकरार रखता है।​ इसके अतिरिक्त सी कैडेट कोर ​ने हॉर्न पाइप नृत्य, सांस्कृतिक कार्यक्रम और नौसैनिक कर्मियों ​ने तेजी से किए गए क्रमबद्ध ड्रिल ‘कंटीन्यूटी ड्रिल्स’ ने भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम का समापन भारतीय नौसेना बैंड ​की बीटिंग रिट्रीट और नौसेना के जहाजों की रोशनी के साथ पारंपरिक सूर्यास्त समारोह के साथ हुआ।

नौसेना दिवस भारतीय इतिहास के पन्नों में एक महत्वपूर्ण दिन है, जो 1971 के युद्ध के दौरान 'ऑपरेशन ट्राइडेंट' में भारतीय नौसेना की निर्णायक भूमिका का स्मरण कराता है। दशकों से भारतीय नौसेना लगातार मजबूत हुई है और देश के समुद्री हितों के लिए उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए निरंतर विकसित होते हुए दृढ़ और मजबूत बनी हुई है। इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए आत्मनिर्भर भारत के मार्गदर्शक विजन के तहत भारतीय नौसेना अपने तेज आधुनिकीकरण की दिशा में बढ़ रही है और एक ‘खरीददार नौसेना’ से एक ‘निर्माता नौसेना’ में पूरी तरह परिवर्तित हो गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम

   

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