किसानों को मिली आर्थिक राहत, एफपीओ से धान खरीद-बिक्री में बढ़ी पारदर्शिता

बांकुड़ा, 4 दिसंबर (हि.स.) बांकुड़ा जिले के पापरडांगा क्षेत्र में किसानों के लिए शुरू की गई सरकारी सहायक मूल्य पर धान खरीद व्यवस्था में इस बार एक अनोखी तस्वीर देखने को मिल रही है। कई किसान स्वयं ही एफपीओ के माध्यम से अपने धान की खरीद कर रहे हैं। किसान अपने उत्पादन को सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एफपीओ को बेच रहे हैं और फिर जरूरत के अनुसार वहीं से धान खरीद भी ले रहे हैं।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, राज्य कृषि विपणन विभाग के तहत गठित किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) ग्रामीण स्तर पर किसानों से सीधे धान खरीद रहा है। इसमें एफपीओ-तीन के माध्यम से धान जुड़ाव प्रक्रिया शुरू की गई है। पापरडांगा पंचायत क्षेत्र के कई गांवों में किसानों को सहायक मूल्य का लाभ देने के लिए खरीद केंद्र खोले गए हैं। समिति अध्यक्ष रमाकांत बागड़ी ने बताया कि इस वर्ष 155 क्विंटल धान की खरीद एफपीओ के माध्यम से की गई है।

किसानों का कहना है कि बाजार में धान की कीमत एमएसपी से कम होने के कारण वे सरकारी मूल्य पर धान बेचकर आर्थिक सुरक्षा पाने में सक्षम हुए हैं। कुछ किसान आवश्यकता पड़ने पर इसी धान को एफपीओ से दोबारा खरीद भी लेते हैं। इससे न केवल उन्हें उचित मूल्य मिलता है, बल्कि बिचौलियों की भूमिका भी समाप्त होती है।

कृषि अधिकारियों का कहना है कि एफपीओ मॉडल किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे किसानों को सरकारी निर्धारित समर्थन मूल्य सुनिश्चित हो रहा है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है। वहीं, कई जगह किसानों को सरकारी प्रक्रिया से जोड़ने के लिए स्थानीय स्तर पर रजिस्ट्रेशन कार्य भी चलाया जा रहा है।

स्थानीय प्रशासन ने बताया कि एफपीओ के माध्यम से धान खरीद प्रक्रिया पारदर्शी और किसान हितैषी बनाकर आगे भी विस्तारित की जाएगी, ताकि कोई भी किसान अपनी उपज को कम दाम में बेचने के लिए मजबूर न हो।

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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता

   

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