वैशाख संक्रांति की तैयारियाँ शुरू, जम्मू में दिखा उत्साह

Rohit


जम्मू, 11 अप्रैल । वैशाख संक्रांति को लेकर जम्मू में श्रद्धालुओं और आम लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। यह पावन पर्व 13 अप्रैल, रविवार को मनाया जाएगा, और इसे लेकर शहर भर में तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं। बाजारों में रौनक बढ़ गई है, विशेष रूप से पूजा-पाठ की सामग्रियों, तिल, गुड़ और फल-फूल की दुकानों पर भीड़ देखी जा रही है। श्रद्धालु इस दिन स्नान, दान और पुण्य कार्यों के लिए विशेष रूप से तैयारियां कर रहे हैं। पंडितों के अनुसार, वैशाख संक्रांति का दिन सूर्य के मेष राशि में प्रवेश का प्रतीक है और यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। लोग इस अवसर पर मंदिरों में जाकर विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करते हैं।

स्थानीय नागरिकों ने बताया कि वे इस दिन को पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाने की योजना बना रहे हैं। वहीं, मंदिरों में भी विशेष कार्यक्रमों और भंडारों की तैयारियाँ जारी हैं। वैशाख संक्रांति का यह पर्व न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक एकता और सद्भावना का संदेश भी देता है।

वैशाख संक्रांति का सनातन धर्म में अत्यंत विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार यह संक्रांति अनेक प्रकार के पापों के प्रायश्चित और नाश करने वाली होती है। श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री के अनुसार, इस वर्ष 2025 में सूर्य देव मेष राशि में 14 अप्रैल सोमवार को प्रातः 3 बजकर 21 मिनट पर प्रवेश करेंगे। वैशाख संक्रांति का पुण्यकाल 14 अप्रैल, सोमवार को प्रातः 9 बजे तक रहेगा। वैशाख संक्रांति और वैशाखी पर्व 13 अप्रैल रविवार को मनाया जाएगा। पंजाब में मेष संक्रांति को बैसाखी पर्व कहा जाता है, वहीं असम में बिहु, केरल में विशु, और पश्चिम बंगाल में पोहेला बोइशाख के रूप में मनाया जाता है।

   

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