वंदेमातरम हमारे लिए पवित्र, सरकार ध्यान भटकाने के लिए करा रही चर्चा : प्रियंका गांधी

नई दिल्ली, 8 दिसंबर (हि.स.)। कांग्रेस सदस्य प्रियंका गांधी ने सोमवार को लोकसभा में सरकार पर लोगों का ध्यान भटकाने और संसद का कीमती समय व्यर्थ की बहस में बर्बाद करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वंदेमातरम कांग्रेस के लिए पवित्र है और पार्टी इसके महत्व को स्वीकार करती है। सरकार का मकसद फिर भी चर्चा कराने का यह है कि वे आजादी के लिए कुर्बानी देने वाले नेताओं पर नए आरोप लगा सके और दूसरा की जल्द ही बंगाल में चुनाव आ रहे हैं।

प्रियंका ने कहा कि नरेन्द्र मोदीजी जितना समय प्रधानमंत्री रहे हैं, उतना समय नेहरूजी ने जेल में गुजारा है। प्रियंका ने सत्ता पक्ष को सलाह दी कि नेहरू जी पर सभी शिकायतों पर एक साथ चर्चा करा दी जाए ताकि उसके बाद जनता का कीमती समय उनकी समस्या के समाधान के लिए इस्तेमाल हो। महंगाई, बेरोजगारी और महिला विषय पर चर्चा होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि नेहरूजी ने इसरो, डीआरडीओ, आईआईटी आईआईएम, एम्स जैसे संस्थान बनाए और प्रमुख परियोजनाओं की नींव रखी। अगर वे ऐसा नहीं करते तो विकसित भारत कैसे बनता। नेहरूजी देश के लिए जीए और देश की सेवा करते दम तोड़ा।

उन्होंने कहा, “बड़े-बड़े शहरों में प्रदूषण है लेकिन हम छोटी बातों पर चर्चा कर रहे हैं।” साथ ही उन्होंने कहा, “वंदेमातरम देश के कण-कण में है इसपर बहस नहीं हो सकती। यह हमारे देश की आत्मा का हिस्सा बन चुका है।”

वंदे मातरम गीत की पहली दो पंक्तियां राष्ट्रगीत के तौर पर अपनाए जाने पर सवाल उठाए जाने पर प्रियंका ने कहा कि यह संविधान निर्माताओं और संविधान सभा में शामिल नेताओं का अपमान है। उन्होंने कहा कि गुरुदेव रविंन्द्र नाथ टेगौर ने स्वयं दो पंक्तियां अपनाए जाने का समर्थन किया था। स्वयं श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने संविधान सभा में केवल दो पंक्तियां अपनाए जाने पर आपत्ति नहीं जताई थी।

उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष तथ्यों को लेकर कमजोर है। प्रधानमंत्री ने यह नहीं बताया कि वंदेमातरम गीत को 1896 में कांग्रेस के अधिवेशन में ही पहली बार गाया गया था। उन्होंने 1875 में राष्ट्रगीत के तौर पर अपनाए गए पहले दो पद लिखे थे। 1882 में 7 साल बाद उन्होंने आनंद मठ में इसमें चार पद और जोड़े। 1930 में संप्रदायिक राजनीति के साथ गीत विभाजित होने लगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा

   

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