मुंबई, 02 दिसंबर (हि.स.)। महाराष्ट्र और गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने मंगलवार को केंद्र सरकार के मार्गदर्शक निर्देशों के अनुसार महाराष्ट्र राजभवन का नाम अब आधिकारिक रूप से ‘महाराष्ट्र लोक भवन’ कर दिया है। इस संबंध में राजभवन सचिवालय को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि यह निर्णय लोकभवन को अधिक जन-केंद्रित, पारदर्शी और लोककल्याण हेतु पूर्णत: समर्पित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और मार्गदर्शक कदम है। उन्होंने यह अपेक्षा भी व्यक्त की कि ‘लोक भवन’ के रूप में जाना जाने वाला यह भवन अब केवल राज्यपाल का निवास और कार्यालय तक सीमित न रहकर, राज्य के नागरिकों, समाज के विभिन्न वर्गों, छात्रों, शोधकर्ताओं, किसानों और नागरिक संगठनों के साथ संवाद, सहयोग और सहभागिता का एक जीवंत केंद्र बने।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि ‘लोक भवन’ का नामकरण इस उद्देश्य को प्रतिबिंबित करता है कि यह भवन सरकार और राज्य की जनता के बीच सेवा, सहयोग और संवाद का एक मजबूत सेतु बने। उन्होंने स्पष्ट किया कि लोक भवन संविधानिक दायित्वों तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि यह समाज की आशाओं, आकांक्षाओं और समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहकर, जनता से सीधा और सार्थक संबंध बनाए रखेगा, तभी यह अपने वास्तविक अर्थ में ‘लोक भवन’ कहलाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव



