मालदा में ममता ने एक बार फिर एसआईआर के बहाने मुस्लिम समुदाय को डराया, डिटेंशन कैंप का किया जिक्र

वक्फ कानून को लेकर प्रदर्शन पर भी टिप्पणी

कोलकाता, 03 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को मालदा के गाजोल में जनसभा को संबोधित करते हुए मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) को लेकर केंद्र और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने राज्यवासियों से अपील की कि सभी लोग एसआईआर फॉर्म भरें, ताकि किसी का नाम मतदाता सूची से हटाया न जाए।

उन्होंने एक तरह से मुस्लिम समुदाय को डराते हुए डिटेंशन कैंप का जिक्र करते हुए कहा कि किसी को वहां जाने नहीं देंगे। जबकि एसआईआर का डिटेंशन कैंप से कोई लेना-देना ही नहीं है। उन्होंने वक्फ कानून को लेकर भी मुस्लिम समुदाय को भड़कते हुए कहा कि आप विरोध प्रदर्शन करें लेकिन बंगाल में नहीं। इस कानून को भाजपा ने बनाया है हमने नहीं।

ममता बनर्जी ने कहा कि एसआईआर में फॉर्म ज़रूर भरें। नहीं तो नाम काट देंगे। प्रवासी श्रमिकों से भी कह रही हूं कि वे फॉर्म भरें।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान वक्फ कानून का मुद्दा उठाते हुए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वक्फ कानून हमने नहीं बनाया, यह भाजपा सरकार का कानून है। हम बंगाल में किसी की संपत्ति पर हाथ नहीं लगाने देंगे।

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केंद्र पर लगाया तानाशाही का आरोप

सभा में ममता बनर्जी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर “ज़बरदस्ती” और “तानाशाही रवैये” का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ज़ोर-ज़बरदस्ती करके आपातकाल जैसा माहौल बनाने की कोशिश करोगे, तो लोग कभी माफ़ नहीं करेंगे। आज दिल्ली में सत्ता है, कल नहीं भी रह सकती है।

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एसआईआर को लेकर अमित शाह पर भी हमला

मुख्यमंत्री ने एसआईआर प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग और केंद्र पर सीधा हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि यह प्रक्रिया जल्दबाजी में शुरू की गई है और इसका उद्देश्य लोगों में डर फैलाना है।

उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाते हुए कहा कि एसआईआर अमित शाह ने करवाया है। चालाकी से बड़े काम नहीं होते। लेकिन मैं साफ कह रही हूं कि किसी को डिटेंशन कैंप नहीं जाना पड़ेगा। किसी का नाम नहीं कटेगा। डरने की ज़रूरत नहीं है।

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केंद्र द्वारा धन रोके जाने का आरोप

ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर आर्थिक बंटवारे में भेदभाव का आरोप भी दोहराया। उन्होंने कहा कि केंद्र जीएसटी के माध्यम से राज्य का पूरा राजस्व खींच ले रहा है।

उन्होंने कहा कि हमारा एक ही टैक्स है जीएसटी। केंद्र सारा पैसा उठा ले जाता है। हम लगभग 1.87 लाख करोड़ रुपये केंद्र से पाने वाले हैं। अब तो सुन रही हूं कि सिगरेट का पैसा भी काट लेंगे। पूरे भारत को कब्ज़ा कर रहे हो, शर्म नहीं आती?

उन्होंने कहा कि केंद्र जबरदस्ती की नीति अपनाकर लोकतंत्र की आत्मा को चोट पहुंचा रहा है।

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“मैं वोट मांगने नहीं आई”

अगले वर्ष राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन ममता बनर्जी ने दावा किया कि उनकी मालदह यात्रा चुनावी नहीं थी।

उन्होंने कहा कि मैं वोट मांगने नहीं आई हूं। मैं आपकी चिंता दूर करने आई हूं। आप डरें नहीं। किसी का कोई नुक़सान नहीं होने दूंगी। हमेशा आपके साथ खड़ी रहूंगी।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान लक्ष्मी भंडार सहित कई सामाजिक योजनाओं का ज़िक्र किया और कहा कि “लक्ष्मी भंडार आजीवन जारी रहेगा।”

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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