मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल अब पांच साल, सदन में संशोधन विधेयक पेश

शिमला, 02 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में नगर निगमों के मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल अब अढ़ाई साल की जगह पांच वर्ष होगा। हिमाचल विधानसभा के धर्मशाला में चल रहे शीतकालीन सत्र में मंगलवार को नगर निगम संशोधन विधेयक पेश किया गया, जिसके प्रावधानों के अनुसार अब दोनों पदों की अवधि उनके चुनाव की तारीख से पांच साल के लिए तय होगी। ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने यह विधेयक सदन में रखा। इससे पहले सरकार इस संबंध में अध्यादेश जारी कर चुकी है।

वर्तमान व्यवस्था में मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल अढ़ाई-अढ़ाई साल का था और दोनों को कार्यकाल के आधे समय के बाद बदल दिया जाता था। संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद अब पूरे पांच साल तक एक ही व्यक्ति मेयर और उप महापौर के पद पर बना रहेगा। विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि महापौर किसी कारण से पद छोड़ देता है या पद रिक्त हो जाता है, तो उप महापौर अस्थायी रूप से महापौर का काम देखेगा। इस अवधि में एक माह के भीतर उसी वर्ग से नया महापौर चुना जाएगा।

ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि यह बदलाव बेहतर प्रशासनिक स्थिरता और विकास कार्यों के निरंतर संचालन के लिए आवश्यक था, क्योंकि अढ़ाई साल के छोटे कार्यकाल में योजनाएं बनाना और पूरा करना कठिन हो जाता था।

सदन में मंगलवार को नगर पालिका संशोधन विधेयक भी प्रस्तुत किया गया, जिसके तहत अब हिमाचल प्रदेश में नगर पालिकाओं का ऑडिट प्रधान महालेखाकार (सीएजी) द्वारा किया जाएगा। सरकार का कहना है कि इससे नगर निकायों में वित्तीय पारदर्शिता और प्रशासनिक जवाबदेही को मजबूती मिलेगी।

संशोधन के अनुसार यदि किसी नगर पालिका का कोई वार्ड नगर निगम में शामिल किया जाता है तो उस वार्ड से चुने गए सदस्य अपना शेष कार्यकाल पूरा कर सकेंगे। इसके अलावा नगर निगम में रिक्त पदों की रिपोर्ट तय समय में भेजना अनिवार्य होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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