अंतर्राष्ट्रीय विकलांगता दिवस पर शिमला में दृष्टिहीनों का प्रदर्शन

शिमला, 03 दिसंबर (हि.स.)। अंतर्राष्ट्रीय विकलांगता दिवस के अवसर पर जहां देशभर में बुधवार को विकलांग जनों के अधिकार, सम्मान व सुविधाओं को लेकर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, वहीं शिमला में राज्य सचिवालय के बाहर दृष्टिहीन संघ द्वारा एक बार फिर जोरदार प्रदर्शन किया गया। अपनी मांगों को लेकर पिछले 771 दिनों से लगातार आंदोलन कर रहे दृष्टिहीन आज भी सड़क पर बैठे रहे। इनमें से कई दृष्टिहीन पिछले 39 दिनों से राज्य सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे हैं।

दिवस को विरोध दिवस के रूप में मनाते हुए इन प्रदर्शनकारियों ने काले रिबन बांधकर सरकार के प्रति अपना रोष जताया और जोरदार नारेबाजी की। आरोप लगाया गया कि लंबे समय से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने के बावजूद सरकार का कोई भी प्रतिनिधि उनसे मिलने नहीं पहुंचा है, न ही किसी प्रकार का आश्वासन दिया गया है। सरकार की बेरुखी से आहत दृष्टिहीन अब उग्र आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं और कहा है कि अगर उनकी मांगों पर अब भी ध्यान नहीं दिया गया, तो वे आत्मदाह जैसे कठोर कदम उठाने को मजबूर होंगे।

राज्य दृष्टिहीन संघ के सचिव राजेश ठाकुर ने कहा कि दृष्टिहीन लंबे समय से बैकलॉग कोटे से नौकरियां देने, पेंशन में बढ़ोतरी सहित कई मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब आंदोलन की नई रणनीति बनाई गई है और 10 दिसंबर के बाद आंदोलन को तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर से दृष्टिहीन और उनके परिवारजन शिमला पहुंचकर सरकार को चेताने के लिए बड़ा आंदोलन करेंगे।

उन्होंने बताया कि संघ ने आज से क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है और यदि सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई, तो इसे आमरण अनशन में बदला जाएगा। साथ ही मजबूरन आत्मदाह करने की नौबत भी आ सकती है।

दृष्टिहीन संघ ने सरकार से जल्द सुनवाई करने व उनकी मांगों के समाधान की अपील की है, ताकि उन्हें बार-बार सड़क पर उतरकर संघर्ष न करना पड़े।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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