बाजार में उतार-चढ़ाव से छोटे निवेशकों का भरोसा डगमगाया, मार्च में बंद हुए 51 लाख एसआईपी अकाउंट्स

- इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में 11 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा निवेश

नई दिल्ली, 11 अप्रैल (हि.स.)। पिछले साल अक्टूबर के महीने से ही घरेलू शेयर बाजार में जारी जबरदस्त उतार-चढ़ाव के कारण छोटे निवेशकों का भरोसा काफी डगमगा गया है। इसका असर इक्विटी म्युचुअल फंड्स में होने वाले निवेश और एसआईपी अकाउंट्स की संख्या में आई गिरावट से भी पता चलता है। मार्च के महीने में निवेशकों की बेरुखी के कारण 51 लाख एसआईपी अकाउंट्स बंद हो गए। इसी तरह मार्च के महीने में इक्विटी म्युचुअल फंड्स में होने वाला निवेश भी 11 महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया।

एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च के महीने में म्युचुअल फंड्स में होने वाले ओवरऑल निवेश में गिरावट आई है। खासकर, इक्विटी म्युचुअल फंड्स का इनफ्लो पिछले 11 महीने के सबसे निचले स्तर तक पहुंच गया है। मार्च के महीने में इक्विटी स्कीमों में होने वाला निवेश मासिक आधार पर 14 प्रतिशत घट कर फरवरी के 29,241 करोड़ रुपये के की तुलना में 25,017 करोड़ रुपये के स्तर तक आ गया। मार्च के पहले फरवरी के महीने में भी इक्विटी म्युचुअल फंड्स के इनफ्लो में गिरावट दर्ज की गई थी। इस तरह लगातार दूसरे महीने इक्विटी म्युचुअल फंड्स में होने वाले निवेश में गिरावट आई है।

एएमएफआई के आंकड़े के अनुसार सेक्टोरल फंड्स में होने वाले निवेश में मार्च महीने के दौरान मासिक आधार पर 57 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। निवेशकों ने मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में अपना निवेश बढ़ा दिया है। जहां तक एसआईपी की बात है तो मार्च के महीने में निवेशकों का इससे भी मोह भंग हुआ है। इसका प्रत्यक्ष असर 51 लाख एसआईपी अकाउंट्स बंद होने के रूप में देखा जा सकता है। मार्च के महीने में एसआईपी इनफ्लो भी कम होकर 4 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। फरवरी के महीने में एसआईपी के जरिए 25,999 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था, लेकिन मार्च के महीने में निवेश का ये आंकड़ा घट कर 25,926 करोड़ रुपये रह गया। इसके पहले जनवरी के महीने में निवेश का ये आंकड़ा 26,459 करोड़ रुपये का था।‌

इक्विटी फंड्स में होने वाले निवेश के आंकड़ों पर नजर डालें तो अक्टूबर 2024 के बाद से ही एक मौके को छोड़कर निवेश में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। अक्टूबर 2024 में इक्विटी फंड्स में 41,865 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था, जो नवंबर में घट कर 35,927.30 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया था। हालांकि दिसंबर में एक बार फिर निवेश में तेजी आई, जिससे इक्विटी फंड्स में होने वाले निवेश का आंकड़ा बढ़कर 41,136 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इसके बाद 2025 शुरू होते ही निवेश के आंकड़ों में गिरावट आने लगी। जनवरी, 2025 में इक्विटी म्युचुअल फंड्स में 39,706 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जबकि फरवरी में ये आंकड़ा घट कर 29,241 करोड़ रुपये का रह गया। मार्च में निवेश का आंकड़ा 11 महीने के सबसे निचले स्तर 25,017 करोड़ रुपये के स्तर तक पहुंच गया।

लार्ज कैप फंड्स की बात की जाए, तो इस साल मासिक आधार पर इसमें होने वाले निवेश में भी लगातार गिरावट आई है। जनवरी में लार्ज कैप फंड्स में 3,063.30 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था, जबकि फरवरी में ये निवेश घट कर 2,866 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं मार्च में निवेश का ये आंकड़ा और गिर कर 2,479 करोड़ रुपये के स्तर तक पहुंच गया।

इसके विपरीत स्मॉलकैप फंड्स में होने वाले निवेश में मार्च के महीने में फरवरी की तुलना में बढ़ोतरी हुई है। फरवरी में स्मॉलकैप फंड्स में 3,722.50 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था, जो मार्च में बढ़ कर 4,092 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। हालांकि जनवरी के महीने में स्मॉलकैप फंड्स में निवेशकों ने 5,720 करोड़ रुपये डाले थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

   

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