सोनीपत: 51वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी नवाचार और प्रेरणा का संगम

26 Snp-5  सोनीपत महामहिम राज्यपाल व शिक्षा मंत्री         महीपाल ढांडा प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए26 Snp-1  सोनीपत: 51वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए  राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय

सोनीपत, 26 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा

के राई स्थित हरियाणा खेल विश्वविद्यालय में आयोजित 51वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक

प्रदर्शनी ने नवाचार और शोध की दिशा में बच्चों को प्रेरित करने का महत्वपूर्ण अवसर

प्रस्तुत किया गया। इस प्रदर्शनी में देशभर के 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के

बच्चों ने अपने-अपने वैज्ञानिक मॉडल प्रस्तुत किए। कुल 185 स्टाल्स में इन बच्चों ने

अपने अनूठे विचारों और विज्ञान के क्षेत्रों में किए गए प्रयासों का प्रदर्शन किया।

राज्यपाल

बंडारू दत्तात्रेय और प्रदेश के शिक्षा मंत्री महीपाल ढांढा ने इस प्रदर्शनी का निरीक्षण

किया और बच्चों के प्रयासों की सराहना की। इस मौके पर राज्यपाल ने विद्यार्थियों से

अपील की कि वे नवाचार को बढ़ावा देकर नए शोध की ओर अग्रसर हों और असफलताओं से घबराए

बिना निरंतर प्रयास करते रहें। उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि शोध के

क्षेत्र में सफलता और असफलता दोनों का सामना करना पड़ता है, लेकिन निरंतर प्रयास ही

सफलता की कुंजी है।

प्रदर्शनी

में विशेष रूप से महाराष्ट्र के दिव्यांग बच्चों वंश मर्शकूले व वंश डोगरे ने दिव्यांगों के नाखुन काटने

के लिए एक यंत्र बनाया था। वहीं गुजरात के बच्चों हर्षिता ने स्मार्ट व्हीलचेयर बनाई

थी। बिहार के प्रभु नारायण ने पोर्टेबल स्ट्रेक्चर बनाया, जिसमें घर से लेकर शौचालय

तक सभी माडल दर्शाए गए। सिक्किम के बच्चों भूमिका क्षेत्री ने प्यूरीफायर वाटर टैंक

का माडल दर्शाया। तेलंगना की गायत्री ने बेबी मानिटरिंग सिस्टम बनाया था जो बेबी के

टेंपरेचर, ह्यूमिडिटी व बेबी के रोने के बारे में बयाया था। महामहिम राज्यपाल व शिक्षा

मंत्री महीपाल ढांडा ने सभी बच्चों की सराहना

की व उनके साथ चित्र खिंचवाते हुए आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया। राज्यपाल ने कार्यक्रम

में चौथे एशियाई रोल बॉल में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली अंशिका को भी सम्मानित भी

किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना

   

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