गुजरात सरकार ने बैटरी ऑपरेटेड दुपहिया वाहनों के लिए 58 करोड़ की दी सहायता : मुलूभाई बेरा

गांधीनगर, 20 मार्च (हि.स.)। गुजरात सरकार के क्लाइमेट चेंज विभाग के मंत्री मुलूभाई बेरा ने गुरुवार को राज्य विधानसभा में विभाग की मांगों को पेश किया। इस पर चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज वैश्विक समस्या है। इस समस्या और चुनौतियों को दूर करने के लिए इको फ्रेंडली देश के निर्माण के लिए हम सभी को संकल्पित होना पड़ेगा, जो कि आज के समय के लिए नितांत जरूरी है।

मंत्री ने कहा कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए राज्य में बैटरी चालित दुपहिया वाहनों के इस्तेमाल के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। विद्यार्थियों को इसके लिए सरकार सब्सिडी प्रदान करती है। राज्य में वर्ष 2015 से बैटरी संचालित वाहनों के लिए सब्सिडी दी जा रही है। इसके तहत स्कूलों में कक्षा 11-12वीं और कॉलेज के विद्यार्थियों को बैटरी ऑपरेटेड दुपहिया वाहन खरीदने पर 12 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाती है। अभी तक 50 हजार से अधिक विद्यार्थियों को इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहन खरीदने के लिए 58 करोड़ रुपये की सब्सिडी सहायता सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए हैं। इसके अलावा वर्ष 2025-26 में 75 सौ विद्यार्थियों को इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहन खरीदने के लिए 9 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

मंत्री बेरा ने कहा कि गुजरात में नवीकरणीय ऊर्जा नीति-2023 के तहत राज्य में पवन ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता 12,510 मेगावाट तक पहुंच गई है। पवन ऊर्जा के क्षेत्र में गुजरात ने देश में पहला स्थान हासिल किया है। और इसी तरह राज्य की कुल स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता 17,580 मेगावाट है, जो देश में दूसरे स्थान पर है। राज्य की कुल नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता 32,303 मेगावाट के साथ देश में दूसरे स्थान पर है।

मंत्री ने सदन में बताया कि पर्यावरण की रक्षा के लिए राज्य सरकार ने उन्नत शवदाह गृह स्थापित करने की योजना लागू की है जिसके तहत अब तक 9220 से अधिक उन्नत शवदाह गृह स्थापित किये जा चुके हैं। जबकि अगले वर्ष 2025-26 के दौरान सर्वाधिक वार्षिक 1500 उन्नत शवदाह गृहों की स्थापना हेतु 9 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार सरकारी भवनों पर सोलर सिस्टम लगाने की योजना के तहत अब तक 3815 से अधिक सरकारी भवनों पर 65 मेगावाट से अधिक का सोलर रूफटॉप सिस्टम लगाया जा चुका है। वर्ष 2025-26 में सरकारी भवनों पर सोलर रूफटॉप स्थापित करने तथा 14 मेगावाट की क्षमता सृजित करने हेतु 55 करोड़ रुपये दिये गये हैं। राज्य में सरकारी भवनों पर कैपेक्स मॉडल के तहत वर्ष 2025-26 में 37 मेगावाट क्षमता सृजित करने हेतु सोलर रूफटॉप परियोजनाओं के लिए 146 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। संस्थागत बायोगैस संयंत्रों के लिए सब्सिडी (सहायता) योजना के तहत अब तक 613 से अधिक संयंत्रों की स्थापना के लिए सब्सिडी सहायता का भुगतान किया जा चुका है। वर्ष 2025-26 में 70 विभिन्न संस्थानों में बायोगैस संयंत्र की स्थापना के लिए 12 करोड़ रुपये की सब्सिडी सहायता प्रदान की गई है।

मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर सामाजिक जागरुकता के लिए वर्ष 2023-24 के दौरान पहली बार 6 अलग-अलग श्रेणियों में 10 लोगों को जलवायु परिवर्तन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जलवायु परिवर्तन पुरस्कार के लिए वर्ष 2025-26 के लिए 10 श्रेणियों में 25 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। इसी तरह वर्ष 2025-26 के बजट में नए प्रोजेक्ट के लिए 165.10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके तहत सर्कुलर इकोनॉमी को प्रोत्साहित करने, ग्रीन सेक्टर के कार्यों के लिए, कौशल्य विकास और क्षमता निर्माण के पाठ्यक्रम शुरू करने, बायोमास की संभावित उपलब्धता का पता लगाने, सोलर वेस्ट व ई-वेस्ट में से कीमती सामान प्राप्त करने की गाइडलाइन बनाने आदि के लिए राशि का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा नए मामलों में ग्रीन टेक्नोलॉजी को प्रोत्साहन देने और राज्य में क्लाइमेट चेंज संबंधित समस्याओं के निवारण के लिए क्लाइमेट चेंज फंड की स्थापना करने के लिए 25 करोड़ रुपये, जिलों में क्लाइमेट चेंज के असर को कम करने और मिशन लाइफ गतिविधियों के प्रचार-प्रसार के लिए 33 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। चर्चा के बाद विभाग की मांगों के संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय

   

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