एबीवीपी ने मुझे दीप पकड़ाने से दीप जलाने तक की यात्रा करवाई है : रेखा गुप्ता
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- Mar 10, 2025

नई दिल्ली, 10 मार्च (हि.स.)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को एनडीएमसी सभागार में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की ‘छात्रा संसद’ में कहा कि एबीवीपी केवल एक छात्र संगठन नहीं है बल्कि जीवन प्रबंधन की बड़ी पाठशाला है। गुप्ता ने कहा कि उनके भी जीवन में विद्यार्थी परिषद की अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि एबीवीपी ने उन्हें दीप पकड़ाने से लेकर दीप जलाने तक की यात्रा करवाई है।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि वह 1993 में विद्यार्थी परिषद से जुड़ी थीं और 1995 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) का चुनाव लड़ा था। उन्होंने कहा कि युवा छात्राओं की ऊर्जा, आत्मविश्वास और संकल्पशक्ति ही राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य की नींव है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक छात्रा को आगे बढ़ाने और नेतृत्व का पाठ पढ़ाने का कार्य एबीवीपी ने किया है और यही कारण है कि आने वाले समय में इस संगठन से केवल एक नहीं, बल्कि सैकड़ों रेखा गुप्ता तैयार होंगी। छात्रा संसद के माध्यम से एबीवीपी एक विचार रूपी वट वृक्ष तैयार कर रही है, जिसकी छांव में राष्ट्र निर्माण की नींव रखी जाएगी। मैं यह गर्व से कह सकती हूं कि मैं एबीवीपीयन हूं।
एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि छात्रा संसद के समापन सत्र में छात्राओं द्वारा एक मांग पत्र तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि इसे शीघ्र ही सरकार और संबंधित विभागों को सौंपा जाएगा। यह संसद केवल विमर्श का मंच नहीं बल्कि छात्राओं की जमीनी समस्याओं का समाधान निकालने और नीति निर्माण में भागीदारी सुनिश्चित करने की एक ऐतिहासिक पहल है।
कार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे, सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। साथ ही एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री वीरेंद्र सिंह सोलंकी, अखिल भारतीय छात्रा कार्य प्रमुख मनु शर्मा कटारिया, राष्ट्रीय मंत्री शालिनी वर्मा, दिल्ली प्रांत अध्यक्ष तपन बिहारी, केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य निव्यांग सुमेर, प्रांत सह मंत्री अपराजिता भी मंच पर उपस्थित रहीं।
छात्रा संसद में छात्राओं से जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई और सदन के समक्ष कई महत्वपूर्ण मांगें प्रस्तुत की गईं।
छात्राओं ने शिक्षा और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास पाठ्यक्रमों को लागू करने, उच्च शिक्षा में छात्राओं की बढ़ती भागीदारी को देखते हुए छात्रावासों की संख्या में वृद्धि, ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों में अध्ययन करने आने वाली छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति योजना का प्रावधान, पाठ्यक्रम में वीरांगनाओं, महिला वैज्ञानिकों, खिलाड़ियों और नेतृत्वशील महिलाओं के योगदान को सम्मिलित करने, महिला शोधार्थियों के लिए विशेष योजना एवं अनुदान सुनिश्चित करने आदि महत्वपूर्ण विषयों पर बल दिया गया।
इसके अलावा, सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीनों की अनिवार्य उपलब्धता, सार्वजनिक स्थानों पर पिंक टॉयलेट की स्थापना, निर्भया फंड की निगरानी एवं तहसील स्तर तक महिला हेल्थ डेस्क की स्थापना, साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन, आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविरों की अनिवार्यता, फास्ट ट्रैक कोर्ट की प्रभावशीलता बढ़ाने और छात्रा नेतृत्व के मंचों को संस्थानों में स्थापित करने जैसे विषयों पर भी गहन चर्चा की गई।
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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी