हिसार : नियाणा गांव में नील गाय की हत्या निंदनीय,गंभीर नहीं विभाग :सहारण

समय रहते सूचना के बावजूद सहमी नील गाय को नहीं लाया गया डियर पार्क

हिसार, 11 फरवरी (हि.स.)। अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के जिला प्रधान

एडवोकेट चन्द्र सिंह सहारण ने नजदीकी गांव नियाणा में शिकारियों द्वारा नील गाय की

हत्या करने व उसका मांस निकालकर ले जाने की निंदा की है। उन्होंने बिश्नोई लगातार ऐसी

घटनाओं का विरोध करता रहा है और एक दिन ही समाज ने विरोध प्रदर्शन किया है। अभी सरकार

ने नील गाय मारने की अनुमति देना शुरू नहीं किया है, तभी ये हाल है और यदि अनुमति देनी

शुरू कर दी गई तो नील गायों व अन्य वन्य प्राणियों की क्या दशा होगी, सहज ही अंदाजा

लगाया जा सकता है।

एडवोकेट चन्द्र सहारण ने मंगलवार को कहा कि नियाणा गांव के खेतों में नील गाय

की टांगे मिली है, जिससे अंदेशा यही है कि शिकारी नील गाय को मारकर उसका मांस निकालकर

ले गए। उन्होंने कहा कि गांव के सामाजिक कार्यकर्ता रविन्द्र राणा ने वन्य प्राणी विभाग

को दो दिन पहले सूचना दे दी थी कि यहां कोई नील गाय डरी हुई घूम रही है। सूचना के बावजूद

वन्य प्राणी विभाग ने मौके पर पहुंचकर नील गाय को डियर पार्क लाने की जहमत नहीं हुई

उठाई बल्कि विभाग उसकी मौत का इंतजार करता रहा। उन्होंने कहा कि जब नील गाय को मार

दिया गया तो वन्य प्राणी विभाग कहता है कि शिकारियों की पहचान करके उन पर कार्रवाई

की जाएगी।

जिला प्रधान एडवोकेट चन्द्र सिंह सहारण ने कहा कि वन्य प्राणी विभाग को इस

मामले में गंभीर होना होगा। उन्होंने इस बात पर दुख जताया कि नियाणा गांव में जहां

नील गाय को मारा गया है, वह दूरी वन्य प्राणी विभाग कार्यालय से मुश्किल से चार या

पांच किलोमीटर पड़ती है लेकिन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे। जब

नील गाय को मार दिया गया तो अधिकारी पहुंचकर कार्रवाई की बात करते हैं। उन्होंने राज्य

के मुख्यमंत्री एवं विभागीय मंत्री से अनुरोध किया कि वे नील गाय मारने की अनुमति देने

वाले अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और नील गाय सहित अन्य वन्य प्राणियों की हत्या

करने वालों पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान करें।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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