सद्गुरु मधुपरमहंस जी महाराज के प्रवचन से गूँजी अमृतवाणी

सद्गुरु मधुपरमहंस जी महाराज के प्रवचन से गूँजी अमृतवाणी


जम्मू, 2 मार्च । साहिब बंदगी के सद्गुरु मधुपरमहंस जी महाराज ने आज सुंगल रोड़ अखनूर में अपने प्रवचनों की अमृत वर्षा से संगत को निहाल करते हुए कहा कि दुनिया के जितने भी धर्म हैं एक बात को स्वीकार करते हैं कि आत्मा अमर है। स्वर्ग और नरक को भी दुनिया के सब धर्म मानते हैं। अगर कोई हठपूर्वक कहे कि हम नहीं मानते तो उसका कोई इलाज ही नहीं है। दिल्ली के एक चौधरी ने एलान किया कि जो मुझे गीता का अठारहवा अध्याय समझा देगा मैं उसे एक गाय दान दूँगा। गाय 10 किलो दूध देती है। उसकी पत्नी ने कहा कि तू तो कोई काम करता नहीं है, मैं इसी दूध को बेचकर बच्चों को पालती हूँ। कोई आएगा और अठारहवाँ अध्याय समझायेगा और गाय ले जायेगा। उसने कहा कि कोई नहीं समझा पायेगा। पत्नी ने कहा कि बड़े बड़े विद्वान हैं, कोई न कोई समझा देगा। वो बोला कि पगली, चुप रह। मैं बोलूँगा कि समझा ही नहीं।

अगर ऐसी बात है तो बात अलग है। अन्यथा दुनिया के सब धर्म एकमत से मानते हैं, स्वर्ग और नरक को भी मानते हैं। एक राजा था। वो अपनी मौज-मस्ती में रहता था। साहिब ने सोचा कि इसे ज्ञान देना है। साहिब ने उसे नरक की यात्रा करवाई। आप देखें कि सपने में कुछ लोग हँसते हैं, कुछ रोते हैं, कुछ भयभीत होते हैं। हालांकि सपना है। पर अवस्थाओं का ऐसा खेल हैं कि उस समय सब सत्य मानते हैं। नरक का कष्ट भी सपने की तरह है। पर उस समय वो कष्ट मिलता है। आदमी को यमदूत उस समय कोल्हू में डाल रहे थे। जैसे किसान गन्ने को कोल्हू में डालते हैं। ये कोई किस्से-कहानियाँ नहीं हैं। यह सत्य है। तभी तो सभी धर्मों ने बोला। जैसे सपना देखता है, इसी तरह यह अवस्था भी सपने की तरह ही है। इसकी पुष्टि सभी संतों ने कर दी है। जैसे सपना है, ऐसे ही संसार है। न सपना सच है न यह संसार। जैसे आदमी गाजर मूली खाता है, ऐसे ही यमदूत आदमी को वहाँ खा रहे थे। कुछ को घड़े में डालकर ऊपर से मोंगरी मार रहे थे। नरक में सात घड़े हैं। सप्त कुंभी नरक हैं। वहाँ एक घड़े में कीचड़ है, एक में रक्त है, एक में विष्ठा है, एक में मवाद है, एक में मूत्र है, एक में अग्नि है। उनमें पापियों को फेंकते हैं। अगर गर्दन ऊपर करता है तो ऊपर से मोंगरी मारते हैं और नीचे फेंकते हैं। आप सोचो कि कैसी यंत्रणाएँ हैं। यह सब देखकर राजा व्याकुल हो गया।

आप संसार में देखें। मनुष्य भी तो अजीब अजीब यंत्रणाएँ देता है। युगांडा का राष्ट्रपति इदी अमीन चौराहे पर खड़ा करके हथौड़ों से तब तक मरवाता था, जब तक प्राण न निकल जाएँ। हिटलर को देख लो। उसने यहूदियों को बहुत बुरी तरह मारा। इस तरह नरक के कष्ट हैं। बहुत गहरे घड़े हैं। राजा देखकर बहुत दुखी हुआ। जो झूठी गवाही देता है, साँप उसकी जीभ में डंक मारता है। जो बिना अपराध किसी को मारता है, उसे बहुत बड़ा नरक मिलता है। जो स्त्री पुरुष अपनी पति-पत्नि के अलावा दूसरे से प्रेम करते हैं, उनको लोहे की गर्म स्त्री पुरुष के साथ आलिंगन करना पड़ता है। कुछ गुंडे लोग दूसरे को भय दिखाकर चलते हैं। यह नहीं करना। पाप है। उनके ऊपर कौवे गिद्दे छोड़ी जाती हैं। वो जिंदे में नौंचते हैं। मदिरा हमेशा वर्जित है। जो मदिरा का सेवन करते हैं, उनको दंड़ मिलता है। यह विनाश की राह है। गरम तेल पिलाया जाता है। जो भक्तों को, संतों को सताते हैं उनके पूरे शरीर में कुष्ठ हो जाता है। पूरे अंग जलते हैं। यह सब देख राजा ने साहिब से विनती की कि मुझे बचा लो। पाप तो सभी धर्मों में वर्जित है। आप निर्भया कांड देखें। कितनी क्रूरता से मारा था। यह इंसान कैसे कैसे कर्म कर रहा है। सबसे बड़ा कष्ट झूठ बोलने वाले को मिलता है। साहिब साफ तो कह रहे हैं कि झूठ बोलने के बराबर कोई पाप नहीं है। आप कभी दूसरे का धन नहीं लेना। पर नारी की तरफ नहीं जाना। रावण के दस सिर पर नारी के कारण से गये। आप नरक की यंत्रणाओं से बचना।

   

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