मदनपुरा में मिले पौराणिक सिद्धिश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार और पूजन की होगी व्यवस्था

वाराणसी, 04 जनवरी (हि.स.)। शहर के संवेदनशील अल्पसंख्यक बहुल इलाके मदनपुरा में मिले बंद पौराणिक सिद्धिश्वर महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार और पूजा पाठ के लिए सेंटर फॉर सनातन रिसर्च और ट्राइडेंट सेवा समिति ट्रस्ट ने पहल की है। शनिवार को ट्रस्ट के मालवीय बाग, सिद्धगिरी बाग स्थित कार्यालय में हुई बैठक में मंदिर के जीर्णोद्धार और पूजा पाठ के लिए प्रशासन से अनुमति देने की मांग की गई।

काशी विशालाक्षी मंदिर के महंत राजनाथ तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय हुआ कि इस संबंध में एक प्रतिनिधि मंडल जिला प्रशासन के अफसरों से मिलेगा। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि पिछले दिनों मदनपुरा के गोल चबूतरा क्षेत्र में वर्षों से बन्द पड़े पौराणिक सिद्धिश्वर महादेव के मन्दिर की जानकारी मिली थी। तभी से काशी के सनातनधर्मी इस मंदिर का ताला खोलने और पूजन पाठ कराए जाने की मांग करते आ रहे हैं। सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने बताया कि प्राचीनकाल में काशी के हरिकेश वन में विद्यमान देवी-देवताओं के रक्षार्थ राजा मदनपाल ने काशी के प्रथम मुहल्ला को विकसित किया था, जिसे आज मदनपुरा के नाम से जाना जाता है। उक्त गोलचबूतरा, मदनपुरा स्थान में अवस्थित देवलिंग और देवतीर्थ के वर्णन में काशीखण्ड ४ अध्याय 97 में कहा गया है कि-

तदग्निदिशि देवर्षिगणलिङ्गान्यनेकशः।

पुष्पदन्ताद्दक्षिणतः सिद्धीशः परसिद्धिदः॥ २४७

पञ्चोपचारपूजातः स्वप्ने सिद्धिं परां दिशेत् । २४८

उन्होंने बताया कि पुष्पदन्तेश्वर से अग्निकोण पर देवता और ऋषिगण के स्थापित बहुतेरे लिंग विराजमान हैं। उक्त पुष्पदन्तेश्वर से दक्षिण परमसिद्धिप्रद सिद्धीश्वर हैं। यदि कोई उनकी पंचोपचार से पूजा करे, तो उसे वे स्वप्न में परमसिद्धि को बता देते हैं। वही समीप में सिद्धतीर्थ कूप भी विद्यमान है, जिसे लोग गोल चबूतरा बोलते हैं, वह सिद्धकूप / सिद्धतीर्थ है। उन्होंने बताया कि अभिलेखों के जांच उपरांत यह पाया गया कि यह मंदिर हम हिंदुओं की सार्वजनिक संपत्ति है। ऐसी स्थिति में सेंटर और ट्रस्ट का मानना है कि जब वहां यह स्पष्ट हो गया है कि वह मंदिर किसी वर्ग विशेष के स्वामित्व में नहीं है तो प्रशासन उसका ताला खोलने और पूजन पाठ की अनुमति दे।

बैठक में सेंटर के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक द्विवेदी गणेश , प्रबंधक रामकृष्ण पांडेय, केशव प्रसाद सेठ, शंकर बोस, रवि प्रकाश राय, अवनीश दूबे, मुकुंद लाल अग्रवाल आदि की उपस्थिति रही।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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