अश्विनी वैष्णव ने फर्जी खबरों से निपटने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए डिजिटल मीडिया में जवाबदेही का किया आह्वान  

नई दिल्ली, 16 नवंबर (हि.स.)। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि फर्जी खबरों से निपटने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए डिजिटल मीडिया में जवाबदेही जरूरी है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें अपना इतिहास नहीं भूलना चाहिए और आपातकाल में मीडिया की भूमिका अहम रही है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ ​​के रूप में मनाने का निर्णय लिया ।

अश्विनी वैष्णव राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर शनिवार को नेशनल मीडिया सेंटर में भारतीय प्रेस परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मीडिया जगत को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारे समाज में प्रेस और मीडिया के योगदान को याद करने का दिन है।

यह प्रेस और मीडिया की दुनिया में आए बदलावों को स्वीकार करने का भी दिन है। इसके साथ यह समझने का भी दिन है कि इन बदलाव से हमारे समाज को कई नई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है। पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। लोकतंत्र की जननी है। लेकिन इसके सामने कई चुनौतियां भी है।

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में मीडिया के सामने चार चुनौतियां हैं जिसमें फेकन्यूज, प्रिंट मडिया को पर्याप्त अनुग्रह मिलना, सही कटन्टेंट का चयन औऱ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंश के साथ बौद्धिक सम्पदा अधिकार शामिल है। उन्होंने कहा कि डिजीटल युग में फेक न्यूज आज सबसे बड़ा खतरा है। यह वायरस से भी तेजी से फैलता है। इसे रोकने की दिशा में पुख्ता इंतजाम करने होंगे।

इस मौके पर सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने कहा कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि हर साल मनाये जाने वाला यह दिवस बेहद महत्वपूर्ण है। मीडिया लोकतंत्र की जननी है। आज पारंपरिक प्रेस से डिजिटल मीडिया तक में तेजी से बदल आ रहा है। डिजिटल मीडिया भी न्यूज क्रियेट कर रहा है। जिसके लिए कोड ऑफ एथिक्स बनाने की आवश्यकता है। आज फेक न्यूज चिंता का विषय है। फेक न्यूज वायरस से भी तेजी से फैल रहा है। यह सभी के लिए चिंता का विषय है। इसे कैसे रोका जाए इस पर सभी को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। खासकर वे लोग जो फेक न्यूज के माध्यम से राष्ट्र की एकता और अखंडता के साथ खिलवाड़ करते हैं, उसके खिलाफ लिखते हैं। पीसीआई और संगठनों को इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में फेक न्यूज को रोकने के लिए मंत्रालय ने फेक न्यूज चेक यूनिट बनाया है। इस दिशा में कई फोरम सरकार के साथ काम कर रही है। इस मौके पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने कहा क केन्द्र सरकार हमेशा प्रेस की स्वतंत्रता की पक्षधर रही है। आज मीडिया का स्वरूप काफी बढ़ गया है। हजारों पत्र-पत्रिकाएं, 900 के करीब चैनल और अब डिजीटल मीडिया देश की आवाज बन कर भारत की सोच को प्रदर्शित कर रहा है। मीडिया विकसित भारत के निर्माण में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत की मीडिया राष्ट्रीय एकता और समाज को एक करने में अहम भूमिका निभा रहा है। निष्पक्ष, निर्भीक पत्रकारिता हमारे लोकतंत्र की नींव है।

इस मौके पर वयोवृद्ध पत्रकार, पद्म भूषण, कुन्दन रमणलाल व्यास ने प्रिंट मीडिया में आए बदलाव और चुनौतियों पर प्रकाश डाला। भारतीय प्रेस परिषद की अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई ने समारोह की अध्यक्षता की।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

   

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