
मुंबई, 04 मार्च (हि.स.)। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने महान बाएं हाथ के स्पिनर पद्माकर शिवलकर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। शिवलकर का 3 मार्च को निधन हो गया। वे भारतीय घरेलू क्रिकेट के दिग्गजों में गिने जाते थे और अपनी शानदार गेंदबाजी के लिए प्रसिद्ध थे।
रणजी ट्रॉफी में अपराजेय योगदान
शिवलकर ने 124 प्रथम श्रेणी मैचों में 589 विकेट लिए, उनका गेंदबाजी औसत 19.69 रहा। उन्होंने 1972-73 के रणजी ट्रॉफी फाइनल में 8/16 और 5/18 के आंकड़े के साथ मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) को तमिलनाडु के खिलाफ खिताबी जीत दिलाई।
वे अपनी सटीक लाइन-लेंथ, फ्लाइट और टर्न के लिए प्रसिद्ध थे। उनकी गेंदबाजी में इतनी विविधता और चतुराई थी कि दिग्गज बल्लेबाज भी उन्हें खेलने में संघर्ष करते थे। उन्होंने अपने 40वें दशक तक शानदार गेंदबाजी जारी रखी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न खेल पाने का मलाल, लेकिन पहचान बरकरार
शिवलकर का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण नहीं हो सका, क्योंकि उनके समय में बिशन सिंह बेदी जैसे महान स्पिनर भारतीय टीम का हिस्सा थे। इसके बावजूद, घरेलू क्रिकेट में उनके अविस्मरणीय योगदान को देखते हुए बीसीसीआई ने 2017 में उन्हें कर्नल सी. के. नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया।
बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने कहा, भारतीय क्रिकेट ने आज एक महान खिलाड़ी खो दिया। पद्माकर शिवलकर की लेफ्ट-आर्म स्पिन की कला और खेल की गहरी समझ ने उन्हें घरेलू क्रिकेट में एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया। उनका करियर और मुंबई क्रिकेट के प्रति उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।
बीसीसीआई सचिव देवजीत साइकिया ने कहा, शिवलकर सर कई पीढ़ियों के क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा थे। भले ही उन्होंने भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला, लेकिन उनका प्रभाव अमिट है। भारतीय क्रिकेट ने आज अपना एक सच्चा सेवक खो दिया है।
बीसीसीआई ने उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना व्यक्त की और उनकी अद्वितीय उपलब्धियों को सम्मानपूर्वक याद किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे