भारत और बांग्लादेश ने गंगा और पद्मा नदी के जलस्तर की माप शुरू की 

ढाका, 01 जनवरी (हि.स.)। बांग्लादेश और भारत सरकार के प्रतिनिधियों ने आज सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच गंगा जल बंटवारा संधि-1996 के दायरे में पद्मा और गंगा नदियों के जलस्तर की माप शुरू की। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय जल आयोग के कार्यकारी अभियंता मुत्ताथ लियो फ्रैंकलिन और सहायक निदेशक रितेश कुमार शामिल हैं। गंगा नदी भारत से बांग्लादेश में प्रवेश करने के बाद पद्मा के नाम से जानी जाती है।

द डेली स्टार के मुताबिक, फ्रैंकलीन और रितेश कुमार ने पद्मा नदी पर हार्डिंग ब्रिज के 3,500 फीट ऊपर एक बिंदु पर जलस्तर को मापना शुरू किया है। इसके साथ ही पबना हाइड्रोलॉजी के कार्यकारी अभियंता एमडी रेजाउल करीम के नेतृत्व में दो सदस्यीय बांग्लादेश की टीम ने भारतीय विशेषज्ञों के साथ भारत में फरक्का बिंदु पर संयुक्त रूप से जलस्तर को मापना शुरू किया है।

बांग्लादेश जल विकास विभाग के कार्यकारी अभियंता मोहम्मद जाहेदुल इस्लाम ने कहा, भारत और बांग्लादेश दोनों आज से 31 मई तक गंगा और पद्मा नदियों के विभिन्न बिंदुओं पर जलस्तर की माप करेंगे। संधि के अनुसार, यदि फरक्का बिंदु पर प्रवाह 70,000 क्यूसेक या उससे कम है, तो बांग्लादेश और भारत दोनों पानी के 50 प्रतिशत हिस्से के हकदार हैं। दूसरे चक्र में यदि प्रवाह 70,000 और 75,000 क्यूसेक के बीच होता है, तो बांग्लादेश को न्यूनतम 35,000 क्यूसेक पानी प्राप्त होगा, शेष भारत को आवंटित किया जाएगा। अंतिम चक्र में भारत को न्यूनतम 40,000 क्यूसेक पानी मिलेगा बाकी बांग्लादेश को मिलेगा। साथ ही 11 मार्च से 10 मई तक, दोनों देशों को हर महीने तीन चक्रों में से एक के दौरान न्यूनतम 35,000 क्यूसेक की हिस्सेदारी की गारंटी दी जाती है।

जाहेदुल इस्लाम ने कहा कि इस साल पानी का प्रवाह पिछले साल की तुलना में काफी बेहतर है। हार्डिंग ब्रिज बिंदु पर पद्मा नदी का प्रवाह 85,000 क्यूसेक से अधिक दर्ज किया गया है। उल्लेखनीय है कि गंगा नदी बांग्लादेश में प्रवेश करते ही पद्मा के नाम से जानी जाती है। राजमहल से 30 किलोमीटर पूर्व में गंगा की एक शाखा मुर्शिदाबाद, बहरमपुर, नदिया, हुगली और कोलकाता होती हुई पश्चिम-दक्षिण की ओर बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है।

-----------

हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद

   

सम्बंधित खबर