आम बजट 2025-26 में गुजरात को मिली अनेक सौगातें, राज्य के एमएसएमई सेक्टर, स्टार्टअप्स और कपास किसानों को बड़ा लाभ
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- Feb 01, 2025
- गिफ्ट सिटी स्थित आईएफएससी में संचालित वित्तीय इकाइयों के लिए छूट, कटौती और स्थानांतरण के प्रावधान 2030 तक बढ़ाए गए
- गुजरात राज्य देश के विकास के ग्रोथ इंजन के रूप में ‘विकसित भारत@2047’ की संकल्पना को साकार करने में आगे रहने को तत्पर
अहमदाबाद, 1 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश किया। इस बजट में देशभर के नौकरीपेशा लोगों के लिए 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर आयकर से छूट देने का प्रावधान किया गया है। इस तरह यह महत्वपूर्ण निर्णय नौकरीपेशा वर्ग के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। ‘विकसित भारत@2047’ के संकल्प को साकार करने वाला यह बजट गुजरात और उसके नागरिकों के लिए भी अनेक भेंट लेकर आया है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस आम बजट का स्वागत करते हुए कहा कि यह बजट गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति पर आधारित विकास को गति देने वाला बजट है। कृषि, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई), निवेश और निर्यात जैसे चार महत्वपूर्ण विषयों को इस बजट में कवर किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात देश के विकास के ग्रोथ इंजन के रूप में ‘विकसित भारत@2047’ के संकल्प को पूरा करने में अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार है और उसमें इस बजट के प्रावधान एक नया बल प्रदान करेंगे।
स्टार्टअप्स और एमएसएमई सेक्टर के लिए बड़ी घोषणाएं
वर्तमान में देश में रजिस्टर्ड एमएसएमई की संख्या 1 करोड़ से अधिक है, जो अपने गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के साथ देश के कुल निर्यात में 45 फीसदी की हिस्सेदारी रखते हैं। इसलिए स्केल, टेक्नोलॉजिकल अपग्रेडेशन और पूंजी तक और भी बेहतर पहुंच प्रदान करने में इन एमएसएमई की सहायता के लिए आम बजट में सभी एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और टर्नओवर लिमिट को क्रमशः 2.5 गुना और 2 गुना बढ़ाया गया है। गुजरात में आज लगभग 19 लाख से अधिक एमएसएमई पंजीकृत हैं, वहीं भारत में उद्यम पोर्टल पर पंजीकरण के मामले में गुजरात चौथे स्थान पर है। बजट में की गई यह घोषणा गुजरात के एमएसएमई की कार्यक्षमता बढ़ाने और उच्च उत्पादकता प्राप्त करने में काफी फायदेमंद साबित होगी।
इसके साथ ही, नए उद्यमियों के लिए, विशेषकर महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में पहली बार उद्यम शुरू करने वाले उद्यमियों के लिए ‘फर्स्ट टाइम एंटरप्रिन्योर्स स्कीम’ की घोषणा की गई है। गुजरात आज स्टार्टअप्स का हब बन रहा है और भारत सरकार के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) की ओर से प्रतिवर्ष घोषित की जाने वाली स्टार्टअप रैंकिंग में गुजरात पिछले चार वर्षों से लगातार ‘बेस्ट परफॉर्मर स्टेट’ रहा है। गुजरात सरकार नए उभर रहे स्टार्टअप्स और उद्यमियों को लगातार बढ़ावा और सहयोग दे रही है। ऐसे में, आम बजट में घोषित इस नई स्कीम से राज्य में पहली बार उद्यमी के रूप में शुरुआत कर रहीं महिलाएं तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को इस नई योजना से काफी लाभ होगा। इस योजना के तहत 5 लाख महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को अगले पांच वर्ष तक 2 करोड़ रुपए तक का टर्म लोन देने की घोषणा भी की गई है। इससे उन्हें अपने उद्योगों के लिए आसानी से ऋण भी मिल पाएगा। इसके अलावा, एमएसएमई और स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी कवर की राशि भी बढ़ाई गई है, जिसका लाभ राज्य के एमएसएमई और स्टार्टअप्स को भी मिलेगा और उन्हें ऋण प्राप्त करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
गिफ्ट सिटी स्थित आईएफएससी में संचालित वित्तीय इकाइयों के लिए छूट, कटौती और स्थानांतरण के प्रावधान और 5 वर्षों के लिए बढ़ाए गए
गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में संचालित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में अतिरिक्त गतिविधियों को आकर्षित करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए आम बजट में आईएफएससी में स्थापित वैश्विक कंपनियों के शिप-लीजिंग यूनिटों, बीमा ऑफिसों और ट्रेजरी सेंटरों को विशेष लाभ दिए गए हैं। इसके साथ ही, आईएफएससी में संचालित वित्तीय इकाइयों के लिए छूट, कटौती और स्थानांतरण के प्रावधानों को 31 मार्च, 2030 तक बढ़ा दिया गया है।
कृषि क्षेत्र में लाभ
वित्ती मंत्री ने आम बजट में कपास उत्पादकता मिशन की घोषणा की है, जिसमें कपास की पैदावार बढ़ाने के लिए तथा एक्स्ट्रा लॉन्ग स्टेपल कॉटन को प्रोत्साहन देने के लिए पांच वर्षीय योजना की घोषणा की गई है। गुजरात आज कपास के उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य है। यह योजना गुजरात में कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगी, जो कुल मिलाकर राज्य की कपास उत्पादकता में वृद्धि करेगी। इसके अलावा, किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए की गई है, जो राज्य के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होगी।
बजट में बागवानी फसलों के उत्पादों सहित एयर कार्गो के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं और वेयरहाउसिंग के अप्रगेडेशन का भी प्रावधान किया गया है। यह प्रावधान गुजरात के बागवानी उत्पादों के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होंगे।
कनेक्टिविटी और टूरिज्म
आम बजट में ‘उड़ान योजना’ के अंतर्गत अगले 10 वर्षों में 120 नए हवाई अड्डे बनाने की घोषणा की गई है। उल्लेखनीय है कि गुजरात देश के उन राज्यों में शामिल है, जिन्होंने उड़ान योजना के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण प्रदर्शन किया है। इस योजना के तहत पिछले 8 वर्षों में राज्य में 6 प्रादेशिक हवाई अड्डों का संचालन सफलतापूर्वक शुरू किया गया है। बजट में उड़ान योजना के तहत की गई घोषणा के कारण राज्य में रीजनल कनेक्टिविटी का तेजी से विकास करने में मदद मिलेगी। इससे न केवल स्थानीय गंतव्यों के लिए हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को लाभ होगा, बल्कि राज्य की समग्र अर्थव्यवस्था को भी काफी फायदा होगा।
इसके अलावा, आम बजट में देश के शीर्ष 50 पर्यटन स्थलों को विकसित करने की घोषणा की गई है, जिसमें बौद्ध विरासत से जुड़े स्थलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए राज्यों के साथ भागीदारी की जाएगी। उल्लेखनीय है कि गुजरात पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए देश में सर्वाधिक बजट आवंटित करने वाले राज्यों में से एक है। राज्य के पर्यटन क्षेत्रों का विकास करने के लिए और आसान पर्यटन सुविधाएं मुहैया कराने के लिए गुजरात लगातार प्रयास कर रहा है। ऐसे में, बजट में शीर्ष पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए किए गए प्रावधानों से गुजरात से होकर गुजरने वाले बौद्ध सर्किट को भी लाभ होगा। इससे राज्य के पर्यटन स्थलों पर वर्ड्त क्लास इंफ्रास्र्कक्चर विकसित होगा, साथ ही पर्यटकों को सुखद पर्यटन का अनुभव भी मिलेगा।
आम बजट में शिप बिल्डिंग तथा शिप ब्रेकिंग गतिविधियों को गति देने तथा मैरीटाइम क्लस्टरों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 25,000 करोड़ रुपए के मैरीटाइम बोर्ड फंड की घोषणा की गई है। इस फंडिंग से गुजरात के मैरीटाइम सेक्टर को बड़ा बल मिलेगा।
नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन
आम बजट में नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन की घोषणा की गई है, जो ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ाने, उच्च मांग वाली नौकरियों के लिए फ्यूचर-रेडी कार्यबल तैयार करने तथा क्लीन टेक मैन्युफैक्चरिंग यानी सोलर पीवी, ईवी बैटरी, विंड टर्बाइन, इलेक्ट्रोलाइजर्स और ग्रिड-स्केल बैटरी आदि के मैन्युफैक्चरिंग को गति देगा। क्लीन टेक मैन्युफैक्चरिंग पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ औद्योगिक विकास सुनिश्चित करेगा। इस मिशन में मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन देने के लिए छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों को शामिल किया गया है।
गुजरात आज देश का मैन्युफैक्चरिंग हब है और देश के कुल औद्योगिक उत्पादन में गुजरात का योगदान 18 फीसदी है। टिकाऊ विकास को ध्यान में रखकर क्लीन टेक मैन्युफैक्चरिंग में भी गुजरात आगे बढ़ रहा है, तब यह नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन भी गुजरात के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट ने राज्य के गरीब और मध्यम वर्ग की अपेक्षाओं को भी पूरा किया है, जिसमें ‘सिटीजन फर्स्ट’ का मंत्र साकार होते नजर आ रहा है। आम बजट 2025-26 एक सर्वग्राही और समावेशी बजट है, जो ‘विकसित भारत@2047’ के लिए देश के राज्यों को भी संपूर्ण विकसित बनाने के लक्ष्य को साकार करता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय