नोएडा प्राधिकरण के पूर्व ओएसडी रविंद्र यादव के ठिकानों पर छापेमारी के बाद बड़ा खुलासा, कराेड़ाें की संपत्ति मिली

-आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच में मिली भारी अनियमिताएं

गौतमबुद्धनगर, 15 दिसंबर (हि.स.)। नोएडा विकास प्राधिकरण के पूर्व विशेषाधिकारी (ओएसडी) रविंद्र सिंह यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में शनिवार को विजिलेंस की टीम ने उनके नोएडा स्थित आवास और इटावा के एक स्कूल पर छापेमारी के बाद रविवार को बड़ा खुलासा किया है। इस दौरान कई अहम दस्तावेज और कराेड़ाें की संपत्ति के प्रमाण जब्त किए हैं। पूर्व में चल रही विजिलेंस जांच में शनिवार को बड़ा खुलासा हुआ था।

एसपी विजिलेंस के मुताबिक, जांच में यह सामने आया है कि रवींद्र सिंह यादव ने एक जनवरी 2005 से 31 दिसंबर 2018 तक 94.49 लाख रुपये की वैध आय अर्जित की, जबकि इस दौरान उन्होंने 2.44 करोड़ रुपये खर्च किए। इसका मतलब है कि उनके खर्च उनकी आय से करीब 1.5 करोड़ रुपये अधिक रहे। रविंद्र यादव अतिरिक्त संपत्ति के स्रोत का कोई वैध विवरण नहीं दे सके।

इससे पहले विजिलेंस की 18 सदस्यीय टीम ने शनिवार को नोएडा सेक्टर-47 में यादव के तीन मंजिला आवास और इटावा के तलोरा नगर स्थित स्कूल पर कार्रवाई की। नोएडा स्थित आवास की अनुमानित बाजार कीमत 16 करोड़ रुपये आंकी गई है। इटावा के स्कूल परिसर की वर्तमान कीमत लगभग 15 करोड़ रुपये है, जिसमें स्कूल के सभी तकनीकी उपकरण और अन्य संसाधनों की कीमत 2 करोड़ रुपये आंकी गई है।

जांच में पता चला कि इटावा स्थित स्कूल का संचालन यादव के बेटे द्वारा किया जा रहा है। स्कूल पूरी तरह से अवैध रूप से निर्मित है और इसे बिना किसी वैध स्वीकृति के संचालित किया जा रहा है। स्कूल के संचालन में 10 बसों का उपयोग हो रहा है, जिसकी अनुमानित कीमत 1.04 करोड़ रुपये है। साथ ही, यादव ने मेरठ और नोएडा में एक दर्जन से अधिक प्लॉट खरीद रखे हैं, जिनकी जांच जारी है। विजिलेंस की टीम ने यह भी खुलासा किया है कि यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा विकास प्राधिकरण में भूखंड आवंटन और सरकारी नियमों का उल्लंघन करते हुए कई बड़े प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी। वर्ष 2007 में ओएसडी के पद पर रहते हुए उन्होंने कई प्राइवेट कंपनियों को आईटी और हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में नियमों के खिलाफ फायदा पहुंचाया।

विजिलेंस की यह कार्रवाई निदेशक, उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के निर्देश पर की गई। सभी जब्त दस्तावेजों और संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड्स को अब विस्तृत जांच के लिए शामिल किया जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / फरमान अली

   

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